पलामू: देशभर में चर्चित पलामू के डालटनगंज शाखा में लॉकर घोटाला मामले में पलामू पुलिस ने आइडेंटिफिकेशन परेड (identification parade of jewelries ) शुरू करवा दी है. पुलिस को बुधवार को कोर्ट से पलामू में गहनों की पहचान परेड के लिए अनुमति मिली थी. जिसके बाद सदर अंचल अधिकारी की मौजूदगी में शनिवार को जब्त जेवरातों की टीआईपी शुरू करवाई है. जिन उपभोक्ताओं के लॉकर से गहने गायब हो गए थे उन्हें टीआईपी के लिए बुलाया जा रहा है.
कोर्ट के अनुमति से पीड़ित को वापस मिलेंगे जेवरात
पुलिस टीआईपी की पूरी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेगी. उसके बाद कोर्ट द्वारा नियुक्त न्यायिक अधिकारी की मौजूदगी में सभी के जेवरात वापस होंगे. इस दौरान पीड़ितों के जेवरात के कागजात प्रस्तुत करने होंगे और शपथ पत्र दायर करना होगा. टीआईपी रविवार को भी किया जाएगा. जिन उपभोक्ताओं के लॉकर से गहने गायब हो गए थे उन्हें टीआईपी के लिए बुलाया जा रहा है और फिर पुलिस जब्त एक-एक आइटम को पीड़ितों के समक्ष रख रही है और पहचान करने के बाद दस्तावेज तैयार कर रही है. लॉकर घोटाला के मामले में पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है.
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माहथ ने बताया कि यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (वर्तमान में पंजाब नेशनल बैंक का अंग) के डालटनगंज शाखा में लॉकर घोटाला हुआ था. यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के लॉकर से गायब जेवरातों को मुथूट फाइन कार्प और ICICI बैंक में गिरवी रखा गया था. पांच लॉकर के साथ छेड़छाड़ कर लाखों की संपत्ति गायब कर दी गई थी.
इस मामले का उद्भेदन करते हुए बैंक के मैनेजर और डिप्टी मैनेजर समेत 15 आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस जेल भेज चुकी है. पुलिस के मुताबिक लॉकर की डुप्लीकेट चाबी बनवा कर पलामू में लॉकर घोटाला को अंजाम दिया गया था. पूरे मामले में डिप्टी मैनेजर और बैंक के दैनिक भोगी कर्मचारी मुख्य आरोपी बनाए गए हैं. पुलिस के मुताबिक डिप्टी मैनेजर ने ही मुख्य आरोपी रिशु को जेवरात दिए थे. पलामू पुलिस लॉकर घोटाले के मुख्य आरोपी रिशु के पत्नी को भी आरोपी बना सकती है. फिलहाल रिशु पत्नी समेत फरार है.
1300 ग्राम सोना बरामद
लॉकर घोटाला मामले में पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है. पलामू पुलिस ने अब तक 1300 ग्राम से अधिक सोने के जेवरात बरामद कर लिए हैं. हालांकि लॉकर घोटाले के पीड़ितों ने अभी तक पुलिस के समक्ष जेवरात के कागजात प्रस्तुत नहीं किए हैं. कई पीड़ितों के जेवरात लॉकर में ही रखे थे जबकि कई पीड़ितों के जेवरात पुस्त दर पुस्त होते हुए उन तक पहुंचे थे.