पलामू: जिले में धान खरीद में गड़बड़ी सामने आई है. धान खरीद के लिए प्रति किसान 200 क्विंटल की लिमिट को पार करते हुए 178 से अधिक किसानों ने अधिक धान की बिक्री की थी. मामला सामने आने के बाद सभी किसानों जवाब मांगा गया था. जिसमें 54 किसानों के जवाब संतोषजनक मिले हैं बाकी 124 किसानों के जवाब को सही नही पाया गया है. मामले में पलामू जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की योजना बनाई है.
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कई किसानों को शो-कॉज
पलामू डीसी शशि रंजन के मुताबिक जांच के दौरान कई आईडी गड़बड़ मिली थी. जिसके बाद पूरे मामले में कई स्तर पर कार्रवाई जारी है और कई किसानों को शो-कॉज जारी किया गया है.
सबसे ज्यादा चैनपुर में गड़बड़ी
पलामू में इस बार राज्य सरकार ने भारतीय खाद्य निगम के माध्यम से धान की खरीद की है. 2020-21 में 168 करोड़ रुपये की धान की खरीद हुई थी. जिसमें सबसे ज्यादा गड़बड़ी चैनपुर में हुई है जहां सबसे अधिक किसानों ने क्षमता से ज्यादा धान की बिक्री की है.
दो स्तरों पर हुई जांच
पलामू में धान खरीद का मामला पूरे राज्य में शुरू से चर्चा का केंद्र बना रहा. पूरे राज्य में ये इकलौता ऐसा जिला था जहां धान की खरीद जेएसएससी के माध्यम से न होकर भारतीय खाद्य निगम के द्वारा की गई. गड़बड़ी का पता चलने पर दो स्तरों पर जांच करवाई गई थी. पहले स्तर में निबंधित किसानों का आईडी और उनके आईडी से धान बिक्री की जांच की गई, दूसरे स्तर पर धान बेचने वाले एक-एक किसानों का भौतिक सत्यापन किया गया. इसी जांच में पाया गया कि 178 किसान जिन्होंने 200 क्विंटल से अधिक धान बेचा है वह अयोग्य थे.
कई किसानों के आईडी डिलीट
200 क्विंटल से अधिक धान बेचने वाले किसानों से पलामू जिला प्रशासन ने जवाब मांगा था. दो दर्जन के करीब किसानों ने पलामू जिला प्रशासन को बताया है कि उन्होंने बटाईदार खेती कर 200 क्विंटल से अधिक धान को बेचा है. जवाब देने वाले किसानों ने बटाईदार रैयतों के कागजात और उनके बारे में सारी जानकारी पलामू जिला प्रशासन को उपलब्ध करवाई है. गड़बड़ी पाए जाने के बाद कई किसानो के आईडी को डिलीट किया गया है।