पलामू: झारखंड बिहार के टॉप नक्सली कमांडर संदीप यादव की मौत से नक्सलियों को तगड़ा झटका लगा है. मध्य जोन के सैन्य विंग का सुप्रीम कमांडर संदीप की मौत के बाद माओवादी अपने सबसे अधिक प्रभाव वाले इलाके में कमजोर हो गए हैं. बता दें कि संदीप यादव इतना कुख्यात था कि झारखंड सरकार ने उस पर 25 लाख रुपये का इनाम रखा था. बीमारी और दवा रिएक्शन से संदीप की मौत के बाद इलाके में नक्सलियों का खौफ कम हो गया है.
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नए कमांडर की हो सकती है नियुक्ति: संदीप यादव के दोस्त में 60 से 70 के करीब नक्सली सक्रिय थे. संदीप यादव की मौत के बाद माओवादी अजीत उरांव उर्फ चार्लिस या गौतम पासवान को मध्यजोन का नया कमांडर बना सकते हैं. चार्लिस और गौतम पासवान पर भी 25 -25 लाख रुपए का इनाम है. संदीप यादव माओवादियो के सेंट्रल कमेटी का सदस्य रहा है. जिसकी मौत के बाद मध्य जोन में माओवादियों के पास दस्ते को समेटने वाला कोई नहीं है.
खास जाति पर थी संदीप यादव की पकड़: संदीप यादव उर्फ आरके पर बिहार झारखंड में खास जाति वर्ग के लोगों पर पकड़ थी. यही वजह है कि उसने माओवादियो को मध्य जोन के कई इलाकों में मजबूत कर रखा हुआ था. संदीप यादव की मौत के बाद दूसरे लाइन के कमांडर नितेश यादव, सुनील विवेक, अभिजीत यादव, नवीन यादव की खास पकड़ नहीं है. संदीप यादव पर पलामू के विभिन्न थानों में 50 से भी अधिक नक्सली हमले का आरोप है. जबकि बिहार में संदीप यादव पर 250 से अधिक नक्सल हमले करने के आरोप लगे हैं.