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संगठन छोड़ अपराधी बन रहे हैं नक्सली, गिरोह बनाकर कई वारदातों को दे रहे हैं अंजाम

पलामू में नक्सल संगठन के कमजोर पड़ने के बाद उसके कैडर अपराध की ओर बढ़ रहे हैं. नक्सली संगठन को छोड़ने के बाद ये लोग अपराधिक गिरोह बनाकर वसूली के लिए धमकी देने और दूसरे अपराध को अंजाम देने में लगे हैं. पुलिस भी ऐसे संगठनों को बख्शने के मूड में नहीं है. 2018 से लेकर अब तक 800 अपराधियों को गिरफ्तार कर पुलिस ने अपने मंसबूे को जाहिर कर दिया है.

Naxalite organization in Palamu
पलामू में नक्सल संगठन
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Published : Feb 9, 2022, 2:10 PM IST

Updated : Feb 9, 2022, 4:30 PM IST

रांची: कभी लाल आंतक के नाम से आतंक फैलाने वाले नक्सली अब अपराधी बनकर शहरों में दहशत फैला रहे हैं. दस्ता छोड़ने के बाद नक्सल संगठन के लोग न केवल आपराधिक गिरोह बना रहे हैं बल्कि कई वारदातों को अंजाम भी दे रहे हैं. पलामू के पांकी, हुसैनाबाद, चैनपुर, रामगढ़, मनातू, छत्तरपुर,पांडु समेत कई इलाके ऐसे हैं जहां इस तरह के कई गिरोह की बात सामने आई है. पुलिस भी ऐसे संगठनों के खिलाफ कार्रवाई से पीछे नहीं हट रही है. 2018 के बाद से अब तक आधा दर्जन से अधिक आपराधिक गिरोहों को ध्वस्त किया जा चुका है.

ये भी पढ़ें- भाकपा माओवादियों की नई चाल! नक्सलियों के अफवाह के खिलाफ पोस्टर जारी कर रही पलामू पुलिस

नक्सली संगठन कमजोर: विचारधारा के नाम पर लड़ाई लड़ रहे नक्सली संगठन के कमजोर पड़ते ही उससे जुड़े अधिकांश नक्सलियों ने अपराध की तरफ रूख कर लिया है. 2013-14 तक पलामू रेंज के कई इलाकों में माओवादी, टीएसपीसी, जेजेएमपी जैसे कई नक्सल संगठन सक्रिय थे. सुरक्षाबलों और पुलिस के लगातार अभियान के बाद ये सभी नक्सल संगठन कमजोर हो गए है. नक्सल संगठन के कैडर जेल जाने के बाद वापस निकल कर आपराधिक गिरोह खड़ा कर रहे हैं. कभी नक्सल दस्ते का सदस्य रहे ये कैडर पैसे की लालच में आपराधिक गिरोहों को खड़ा कर रहे हैं. कॉलेज के छात्रों को पढ़ाने वाले प्रकाश कुमार बताते हैं कि यह बेहद ही गंभीर मामला है. जिन लोगों को राष्ट्र के विकास में लगना था वे लोग नक्सली और अपराधिक गिरोह में शामिल हुए हैं. युवा राहुल दुबे ने बताया कि यह समाज के लिए बेहद गंभीर विषय है. मामले में प्रशासनिक के साथ-साथ हर स्तर पर कार्रवाई की जरूरत है. रोजगार से इस तरह की समस्या को दूर किया जा सकता है.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- साल 2021 में पलामू में अपराध पर पुलिस का प्रहार, 885 अपराधी और 36 नक्सली हुए गिरफ्तार

जेल से निकलने वाले नक्सलियों की निगरानी : पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि ऐसे लोगों को सर्विलांस पर रखने के लिए पुलिस के पास संसाधन मौजूद है. एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि यह बेहद ही गंभीर मामला है पुलिस हर स्तर पर कार्रवाई कर रही है. उन्होंने बताया कि जेल से बाहर निकलने वाले एक-एक नक्सल और आपराधियों पर निगरानी रखी जाएगी. इसके साथ ही पुलिस संदिग्ध लोगों की सूची भी तैयार कर रही है.

ये भी पढ़ें- आखिरी सांसें गिन रहा नक्सली संगठन JJMP! पुलिसिया दबिश से टूट रही संगठन की कमर

2018 के बाद से 800 से अधिक गिरफ्तारी: पलामू में 2018 के बाद से 800 से अधिक लोग विभिन्न अपराध के मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं इन सभी लोगों का इतिहास नक्सल संगठनों से जुड़ा हुआ रहा है. पलामू में माओवादी टीएसपीसी, जेजेएमपी ,पीएलएफआई ,जेएलटी ,जेपीसी जैसे नक्सल संगठन सक्रिय हैं. वहीं पीएलएफआई, जेपीसी, जेएलटी जैसे नक्सल संगठन ध्वस्त हो चुके हैं.

एक महीने पहले पलामू के मनातू में किसलय नामक नक्सली को गिरफ्तार किया गया था, जब वह जेल में गया था तब वह नक्सली संगठन का सदस्या था, लेकिन जेल से निकलने के बाद वह TSPC में शामिल हो गया बाद में उसने अपराधिक गिरोह खड़ा कर लिया था. एक सप्ताह पहले पलामू पुलिस ने नन्हका यादव, कैला यादव और मदन यादव को गिरफ्तार किया था. ये सभी माओवादी संगठन में रहे थे बाद में TSPC में शामिल हुए. वहां से अलग हो कर उन्होंने अपराधिक गिरोह खड़ा कर लिया.

पलामू के हुसैनाबाद इलाके का सत्येंद्र पासवान व्यक्ति ने एक आपराधिक गिरोह खड़ा किया था. यह गिरोह JJMP नामक नक्सली संगठन के लिए काम करता था. बाद में सत्येंद्र के साथ आधा दर्जन लोग जेल चले गए थे. जेल से निकलने के बाद सभी ने आपराधिक गिरोह खड़ा किया था. ये सभी छत्तरपुर, हुसैनाबाद हरिहरगंज में आपराधिक घटना को अंजाम देते थे. गिरोह ने बिहार के औरंगाबाद के इलाके में भी कई घटना को अंजाम दिया था.

रांची: कभी लाल आंतक के नाम से आतंक फैलाने वाले नक्सली अब अपराधी बनकर शहरों में दहशत फैला रहे हैं. दस्ता छोड़ने के बाद नक्सल संगठन के लोग न केवल आपराधिक गिरोह बना रहे हैं बल्कि कई वारदातों को अंजाम भी दे रहे हैं. पलामू के पांकी, हुसैनाबाद, चैनपुर, रामगढ़, मनातू, छत्तरपुर,पांडु समेत कई इलाके ऐसे हैं जहां इस तरह के कई गिरोह की बात सामने आई है. पुलिस भी ऐसे संगठनों के खिलाफ कार्रवाई से पीछे नहीं हट रही है. 2018 के बाद से अब तक आधा दर्जन से अधिक आपराधिक गिरोहों को ध्वस्त किया जा चुका है.

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नक्सली संगठन कमजोर: विचारधारा के नाम पर लड़ाई लड़ रहे नक्सली संगठन के कमजोर पड़ते ही उससे जुड़े अधिकांश नक्सलियों ने अपराध की तरफ रूख कर लिया है. 2013-14 तक पलामू रेंज के कई इलाकों में माओवादी, टीएसपीसी, जेजेएमपी जैसे कई नक्सल संगठन सक्रिय थे. सुरक्षाबलों और पुलिस के लगातार अभियान के बाद ये सभी नक्सल संगठन कमजोर हो गए है. नक्सल संगठन के कैडर जेल जाने के बाद वापस निकल कर आपराधिक गिरोह खड़ा कर रहे हैं. कभी नक्सल दस्ते का सदस्य रहे ये कैडर पैसे की लालच में आपराधिक गिरोहों को खड़ा कर रहे हैं. कॉलेज के छात्रों को पढ़ाने वाले प्रकाश कुमार बताते हैं कि यह बेहद ही गंभीर मामला है. जिन लोगों को राष्ट्र के विकास में लगना था वे लोग नक्सली और अपराधिक गिरोह में शामिल हुए हैं. युवा राहुल दुबे ने बताया कि यह समाज के लिए बेहद गंभीर विषय है. मामले में प्रशासनिक के साथ-साथ हर स्तर पर कार्रवाई की जरूरत है. रोजगार से इस तरह की समस्या को दूर किया जा सकता है.

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जेल से निकलने वाले नक्सलियों की निगरानी : पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि ऐसे लोगों को सर्विलांस पर रखने के लिए पुलिस के पास संसाधन मौजूद है. एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि यह बेहद ही गंभीर मामला है पुलिस हर स्तर पर कार्रवाई कर रही है. उन्होंने बताया कि जेल से बाहर निकलने वाले एक-एक नक्सल और आपराधियों पर निगरानी रखी जाएगी. इसके साथ ही पुलिस संदिग्ध लोगों की सूची भी तैयार कर रही है.

ये भी पढ़ें- आखिरी सांसें गिन रहा नक्सली संगठन JJMP! पुलिसिया दबिश से टूट रही संगठन की कमर

2018 के बाद से 800 से अधिक गिरफ्तारी: पलामू में 2018 के बाद से 800 से अधिक लोग विभिन्न अपराध के मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं इन सभी लोगों का इतिहास नक्सल संगठनों से जुड़ा हुआ रहा है. पलामू में माओवादी टीएसपीसी, जेजेएमपी ,पीएलएफआई ,जेएलटी ,जेपीसी जैसे नक्सल संगठन सक्रिय हैं. वहीं पीएलएफआई, जेपीसी, जेएलटी जैसे नक्सल संगठन ध्वस्त हो चुके हैं.

एक महीने पहले पलामू के मनातू में किसलय नामक नक्सली को गिरफ्तार किया गया था, जब वह जेल में गया था तब वह नक्सली संगठन का सदस्या था, लेकिन जेल से निकलने के बाद वह TSPC में शामिल हो गया बाद में उसने अपराधिक गिरोह खड़ा कर लिया था. एक सप्ताह पहले पलामू पुलिस ने नन्हका यादव, कैला यादव और मदन यादव को गिरफ्तार किया था. ये सभी माओवादी संगठन में रहे थे बाद में TSPC में शामिल हुए. वहां से अलग हो कर उन्होंने अपराधिक गिरोह खड़ा कर लिया.

पलामू के हुसैनाबाद इलाके का सत्येंद्र पासवान व्यक्ति ने एक आपराधिक गिरोह खड़ा किया था. यह गिरोह JJMP नामक नक्सली संगठन के लिए काम करता था. बाद में सत्येंद्र के साथ आधा दर्जन लोग जेल चले गए थे. जेल से निकलने के बाद सभी ने आपराधिक गिरोह खड़ा किया था. ये सभी छत्तरपुर, हुसैनाबाद हरिहरगंज में आपराधिक घटना को अंजाम देते थे. गिरोह ने बिहार के औरंगाबाद के इलाके में भी कई घटना को अंजाम दिया था.

Last Updated : Feb 9, 2022, 4:30 PM IST
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