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बैंक लॉकर घोटाला: महंगा पड़ा उदार गोल्ड नियम, बैंकों के लॉकर की सुरक्षा पर उठ रहे सवाल - पलामू यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया

पलामू में गोल्ड लोन नियमों के लिबरल होने की वजह से लॉकर घोटाला हुआ है. यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (United Bank Of India) के डालटनगंज शाखा में लॉकर घोटाला हुआ है. पुलिस ने इस मामले में बैंक मैनेजर और डिप्टी मैनेजर समेत 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

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बैंक लॉकर घोटाला
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Published : Sep 24, 2021, 5:44 PM IST

Updated : Sep 24, 2021, 6:48 PM IST

पलामू: जिले में नियमों के लिबरल होने के कारण बैंक लॉकर घोटाला हुआ है. इस घोटाले ने यह जाहिर कर दिया है कि बैंक का लॉकर भी अब सुरक्षित नहीं है. एक साधारण व्यक्ति भी बैंक के लॉकर का डुप्लीकेट चाबी बनवाकर किसी घटना को अंजाम दे सकता है. पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर में यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (United Bank Of India) वर्तमान में पीएनबी का अंग है. इसके डालटनगंज शाखा में लॉकर घोटाला हुआ है. बैंक के पांच लॉकर के साथ छेड़छाड़ कर लाखों की संपत्ति गायब की गई है.

इसे भी पढे़ं: लॉकर घोटाला: लॉकर से पैसे गायब होने पर बैंक की नहीं होती जिम्मेदारी, जानिए मुआवजे का क्या है प्रावधान

लॉकर घोटाला मामले का पुलिस ने उद्भेदन करते हुए बैंक मैनेजर और डिप्टी मैनेजर समेत 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जानकारों की मानें तो झारखंड में सोना गिरवी रखकर लगभग 50 हजार से अधिक लोगों ने अलग-अलग बैंकों से लोन लिया है.

देखें पूरी खबर

पुलिस की जांच में लापरवाही

यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के लॉकर घोटाले को अंजाम देने के लिए अधिकारियों ने पूरी तरह से नियम कानून को ताक पर रख दिया. इसका खुलासा पुलिस की जांच में हुआ है. पलामू के एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि बैंक के अधिकारियों की इस घटना में बड़ी लापरवाही है. इस घटना में बैंक की सुरक्षा व्यवस्था में सेंधमारी हुई है. एसपी ने बताया कि बैंक के लॉकर की काफी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था होती है. उसका डुप्लीकेट चाबी बनाना आसान नहीं है. चाबी को कैश रूम में रखा जाता है. लेकिन इस घटना में पूरी तरह यह साबित हो गई है कि बैंक की सुरक्षा व्यवस्था फेल थी. इसमें अधिकारियों की बड़ी लापरवाही है.


गोल्ड लोन के लिबरल है नियम

यूनाइटेड नेशनल बैंक ऑफ इंडिया में घोटाला को अंजाम देने वाले आरोपियों ने लॉकर से सोने को निकालकर बैंकों से गोल्ड लोन ले लिया है. पुलिस के लिए बैंकों से चोरी के सामान को रिकवर करना बड़ी चुनौती बन गई है. चार्टर्ड अकाउंटेंट जय शर्मा बताते हैं कि गोल्ड लोन के लिए बनाया गया नियम काफी लिबरल है. गोल्ड लोन लेने के लिए ग्राहक का सिर्फ केवाईसी और आय प्रमाण पत्र देखा जाता है. उन्होंने बताया कि ग्राहक को लोन लेने वक्त सोना का बिल भी नहीं दिखाना पड़ता है. जबकि सोना के बाजार मूल्य के हिसाब से 75 प्रतिशत तक लोन दिया जाता है.

इसे भी पढे़ं: बैंक लॉकर घोटाला: मैनेजर, डिप्टी मैनेजर समेत 13 गिरफ्तार, एक ताला तोड़ने का दस हजार लेता था मकबूल

सरकारी बैंकों से मिलता है 20 लाख तक गोल्ड लोन

सरकारी क्षेत्र के बैंक 20 लाख जबकि प्राइवेट सेक्टर के बैंक पचास लाख तक गोल्ड लोन उपलब्ध करवाती है. जय शर्मा ने बताया कि 18 अगस्त 2021 को आरबीआई ने कहा है कि लॉकर के संबंध में बैंक अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकता है. लॉकर के साथ हुई किसी भी तरह की घटना के लिए वहां का बैंक कर्मी जिम्मेदार हैं. लॉकर के नुकसान के लिए बैंककर्मी की संलिप्तता है. लॉकर के किराया का 100 गुणा तक मुआवजा का प्रावधान है.




लॉकर घोटाला ने विश्वास को तोड़ा

पूरे मामले पर पलामू चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष दुर्गा जौहरी ने कहा कि जिस तरह से यह घटना हुई है, उसने आपसी विश्वास को तोड़ दिया है. जिला प्रशासन बधाई का पात्र है, कि इस तरह की घटना को सामने लाया है और कार्रवाई की है. उन्होंने बताया कि बैंकिंग व्यवस्था पर सवाल उठने लगी है. लोग अपने लॉकर को एक बार जरूर देख लें. दुर्गा जौहरी ने बताया कि इस घटना से ग्राहक और दुकानदार का विश्वास टूट गया है. विश्वास पर आपातकाल स्थिति में लोगों ने पैसे दिए थे. अब यह विश्वास भी टूट गया है.

इसे भी पढे़ं: देवघर के एसबीआई रोहिणी ब्रांच में चोरी की नाकाम कोशिश, सीसीटीवी में कैद हुई वारदात



पीएनबी और आईसीआईसीआई के टॉप अधिकारियों को जारी होगा नोटिस

पलामू के एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि पंजाब नेशनल बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के टॉप अधिकारियों को भी पूरे मामले में नोटिस जारी किया जाएगा. पूरे मामले में उनसे जानकारी ली जाएगी. उन्होंने बताया कि टॉप अधिकारियों से बैंक के क्या नियम और कानून हैं इसकी समीक्षा की जाएगी. उन्होंने कहा कि पूरे मामले में बैंक की तरफ से क्या जांच हुई है इस मामले को लेकर भी जानकारी ली जाएगी.

पलामू: जिले में नियमों के लिबरल होने के कारण बैंक लॉकर घोटाला हुआ है. इस घोटाले ने यह जाहिर कर दिया है कि बैंक का लॉकर भी अब सुरक्षित नहीं है. एक साधारण व्यक्ति भी बैंक के लॉकर का डुप्लीकेट चाबी बनवाकर किसी घटना को अंजाम दे सकता है. पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर में यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (United Bank Of India) वर्तमान में पीएनबी का अंग है. इसके डालटनगंज शाखा में लॉकर घोटाला हुआ है. बैंक के पांच लॉकर के साथ छेड़छाड़ कर लाखों की संपत्ति गायब की गई है.

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लॉकर घोटाला मामले का पुलिस ने उद्भेदन करते हुए बैंक मैनेजर और डिप्टी मैनेजर समेत 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जानकारों की मानें तो झारखंड में सोना गिरवी रखकर लगभग 50 हजार से अधिक लोगों ने अलग-अलग बैंकों से लोन लिया है.

देखें पूरी खबर

पुलिस की जांच में लापरवाही

यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के लॉकर घोटाले को अंजाम देने के लिए अधिकारियों ने पूरी तरह से नियम कानून को ताक पर रख दिया. इसका खुलासा पुलिस की जांच में हुआ है. पलामू के एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि बैंक के अधिकारियों की इस घटना में बड़ी लापरवाही है. इस घटना में बैंक की सुरक्षा व्यवस्था में सेंधमारी हुई है. एसपी ने बताया कि बैंक के लॉकर की काफी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था होती है. उसका डुप्लीकेट चाबी बनाना आसान नहीं है. चाबी को कैश रूम में रखा जाता है. लेकिन इस घटना में पूरी तरह यह साबित हो गई है कि बैंक की सुरक्षा व्यवस्था फेल थी. इसमें अधिकारियों की बड़ी लापरवाही है.


गोल्ड लोन के लिबरल है नियम

यूनाइटेड नेशनल बैंक ऑफ इंडिया में घोटाला को अंजाम देने वाले आरोपियों ने लॉकर से सोने को निकालकर बैंकों से गोल्ड लोन ले लिया है. पुलिस के लिए बैंकों से चोरी के सामान को रिकवर करना बड़ी चुनौती बन गई है. चार्टर्ड अकाउंटेंट जय शर्मा बताते हैं कि गोल्ड लोन के लिए बनाया गया नियम काफी लिबरल है. गोल्ड लोन लेने के लिए ग्राहक का सिर्फ केवाईसी और आय प्रमाण पत्र देखा जाता है. उन्होंने बताया कि ग्राहक को लोन लेने वक्त सोना का बिल भी नहीं दिखाना पड़ता है. जबकि सोना के बाजार मूल्य के हिसाब से 75 प्रतिशत तक लोन दिया जाता है.

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सरकारी बैंकों से मिलता है 20 लाख तक गोल्ड लोन

सरकारी क्षेत्र के बैंक 20 लाख जबकि प्राइवेट सेक्टर के बैंक पचास लाख तक गोल्ड लोन उपलब्ध करवाती है. जय शर्मा ने बताया कि 18 अगस्त 2021 को आरबीआई ने कहा है कि लॉकर के संबंध में बैंक अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकता है. लॉकर के साथ हुई किसी भी तरह की घटना के लिए वहां का बैंक कर्मी जिम्मेदार हैं. लॉकर के नुकसान के लिए बैंककर्मी की संलिप्तता है. लॉकर के किराया का 100 गुणा तक मुआवजा का प्रावधान है.




लॉकर घोटाला ने विश्वास को तोड़ा

पूरे मामले पर पलामू चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष दुर्गा जौहरी ने कहा कि जिस तरह से यह घटना हुई है, उसने आपसी विश्वास को तोड़ दिया है. जिला प्रशासन बधाई का पात्र है, कि इस तरह की घटना को सामने लाया है और कार्रवाई की है. उन्होंने बताया कि बैंकिंग व्यवस्था पर सवाल उठने लगी है. लोग अपने लॉकर को एक बार जरूर देख लें. दुर्गा जौहरी ने बताया कि इस घटना से ग्राहक और दुकानदार का विश्वास टूट गया है. विश्वास पर आपातकाल स्थिति में लोगों ने पैसे दिए थे. अब यह विश्वास भी टूट गया है.

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पीएनबी और आईसीआईसीआई के टॉप अधिकारियों को जारी होगा नोटिस

पलामू के एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि पंजाब नेशनल बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के टॉप अधिकारियों को भी पूरे मामले में नोटिस जारी किया जाएगा. पूरे मामले में उनसे जानकारी ली जाएगी. उन्होंने बताया कि टॉप अधिकारियों से बैंक के क्या नियम और कानून हैं इसकी समीक्षा की जाएगी. उन्होंने कहा कि पूरे मामले में बैंक की तरफ से क्या जांच हुई है इस मामले को लेकर भी जानकारी ली जाएगी.

Last Updated : Sep 24, 2021, 6:48 PM IST
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