पलामूः झारखंड पुलिस ने बूढ़ापहाड़ से माओवादियों के खात्मे के लिए ऑक्टोपस अभियान (Octopus campaign against Naxalites) शुरू किया है. इस अभियान का उद्देश्य बूढ़ा पहाड़ को माओवादियों से मुक्त करवाना है. इस अभियान के दौरान सुरक्षा बलों के लगातार सफलता मिल रही है. सफलता के साथ-साथ अब सुरक्षा बल स्थानीय ग्रामीणों को मुख्यधारा से जोड़ने की पहल कर रहे हैं. पुलिस और सुरक्षा बल मिलकर ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं की जानकारी देने के साथ-साथ उनका सर्वे भी कर रहे हैं.
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बूढ़ा पहाड़ के इलाके में रहने वाले ग्रामीणों का सामाजिक और आर्थिक स्थिति का आकलन किया जा रहा है. पलामू रेंज के डीआईजी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि बूढ़ा पहाड़ को सिर्फ नक्सल मुक्त ही नहीं बनाना है, बल्कि इलाके के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ना भी है. वैसे लोग जो नक्सलियों के विचारधारा के कारण प्रभावित हुए हैं, उन्हें शिक्षित करना है. उन्होंने कहा कि बूढ़ा पहाड़ पर माओवादियों के खिलाफ अभियान ऑक्टोपस शुरू किया गया है और सुरक्षाबलों के टॉप अधिकारी इलाके कैंप कर रहे हैं. बूढ़ा पहाड़ के सभी इलाकों में ग्रामीणों तक पंहुच बनाई जा रही है, ताकि लोगों तक बिजली पानी और पीडीएस सिस्टम पहुंचाया जा सके.
माओवादियों का सुरक्षित ठिकाना माना जाने वाला बूढ़ा पहाड़ की सीमाएं छत्तीसगढ़ से सटी हुई है. वहीं, झारखंड में पलामू के साथ साथ गढ़वा और लातेहार से सटी हुई है. इन इलाकों में करीब 15 गांव हैं, जिसमें करीब पांच हजार की आबादी रहती है. अधिकतर आदिम जनजाति के लोग रहते हैं, जिन्हें आज तक कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई गई है. बूढ़ा पहाड़ को माओवादियों से मुक्त करवाने के बाद इलाके में लोगों के लिए सरकारी योजनाएं पहुंचाई जाएगी. माओवादियों के खौफ के कारण कोई भी सरकारी योजना का क्रियान्वयन नही हो पाता है.
बूढ़ापहाड़ पर माओवादियों के खिलाफ अभियान के लिए तीन जगहों से निगरानी रखी जा रही है. गढ़वा के बहेराटोली, लातेहार के कुजरूम से नजर रखी जा रही है. इस अभियान के लिए सुरक्षाबल नदियों में कच्चा पुल भी बना रहे हैं. इस अभियान में कोबरा, जगुआर, सीआरपीएफ, जैप, आईआरबी के जवानों को तैनात किया गया, जिसमें 40 से अधिक कंपनियों की तैनाती की गई है.