पलामू: झारखंड और बिहार का बॉर्डर करीब 100 किलोमीटर तक फैला हुआ है. नक्सली और अपराधी इस इंटर स्टेट बॉर्डर का फायदा उठाते हैं. इंटर स्टेट बॉर्डर पर दबाव बनने के बाद अपराधी और नक्सली दूसरे राज्यों में भाग जाते हैं. नक्सली और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए झारखंड और बिहार पुलिस ने एक खास योजना तैयार की है. इसी खास योजना के कारण चार दिनों पहले बिहार झारखंड बॉर्डर पर जेजेएमपी के दस्ते का सफाया हो गया. पलामू पुलिस ने इंटर स्टेट बॉर्डर पर निगरानी के लिए पहल की है.
पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि ऐसा देखा गया है कि अपराधी और नक्सली इंटर स्टेट बाद बॉर्डर का फायदा उठाते हैं और अपराध कर दूसरे राज्य में छिपने के लिए पनाह लेते हैं. पलामू और बिहार के औरंगाबाद पुलिस के बीच समन्वय काफी अच्छा है. बिहार की सीमा पर एसएसबी के बल भी तैनात की गई हैं. उसी का नतीजा है कि लगातार सर्च अभियान चलाया जा रहा है और अपराधी और नक्सलियों के खिलाफ पुलिस को सफलता मिल रही है. इंटरस्टेट समन्वय के कारण स्थानीय व्यवसायी और आम लोग सुरक्षित महसूस कर रहे हैं और वह खुश भी हैं.
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झारखंड बिहार सीमा पर पलामू से सटे हुए इलाकों में एक दर्जन से अधिक पुलिस कैंप स्थापित किए गए हैं. पलामू के इलाके में झारखंड की तरफ से चक, मसूरिया, डगरा, पथरा, हरिहगंज, पिपरा, दंगवार में पुलिस है. जबकि बिहार के तरफ से गया के सलैया, इमामगंज, डुमरिया, छकरबंधा औरंगाबाद के ढिबरा, अम्बा, कुटुंबा, कालापहाड़, टंडवा में पुलिस कैंप स्थापित किए गए हैं.