पलामूः लकड़बग्घे के खिलाफ लड़ाई 55 वर्षीय विमली लड़ाई जीत गई, पर गरीबी के आगे वह अपनी जिंदगी की जंग हार गई. लकड़बग्घे के खिलाफ लड़ाई में विमली जख्मी हो गई थी. जख्मी हालत में तीन दिनों तक वह घर मे ही रही, पैसों के अभाव में वह अपना इलाज नही करवा पाई और अंत में उसकी मौत हो गई.
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विमली पलामू के पांकी थाना क्षेत्र के होटवार गांव की रहने वाली है. बुधवार को विमली देवी होटवार जंगल में लकड़ी चुनने गई थी, इसी क्रम में लकड़बग्घे ने उस पर हमला कर दिया. कुछ देर के संघर्ष के बाद लकड़बग्घा वहां से भाग गया और विमली खुद को बचाने में सफल रही. इस लड़ाई में उसके शरीर के मुंह और कई हिस्सों में गंभीर रूप से चोट आई थी.
पैसे के अभाव में तीन दिन तक घर में पड़ी रही विमली
विमली देवी के शरीर में गंभीर रूप से जख्म हुए थे, तीन दिनों तक वह घर में ही रही. शनिवार को उसकी हालत गंभीर होने पर पांकी स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया. जहां से डॉक्टर्स ने उसे MMCH में रेफर किया, पर उसकी मौत हो गई. पैसे के अभाव में विमली को उसके परिजन अस्पताल तक नहीं ले जा सके. विमली के एक बेटा और एक बेटी है, अगले साल बेटी की शादी होने वाली थी. सरकारी योजना के लाभ के नाम पर सिर्फ एक राशन कार्ड है. विमली का बेटा मजदूरी करता है, घर की माली हालत ऐसी नहीं थी कि बेटा अपनी मां का इलाज करा सके.