पलामू: बहादुरी और शौर्य का प्रदर्शन करने वाले सुरक्षाबल और पुलिस अधिकारियों के लिए 25 जनवरी को पुलिस मेडल फॉर गैलेंट्री की घोषणा की गई. पलामू में नक्सल विरोधी अभियान में तैनात 21 बहादुर जवानों को गैलेंट्री मिला है. देश भर में 36 गैलेंट्री अवार्ड सीआरपीएफ को मिला है, जिसमें से 18 मेडल पलामू तैनात सीआरपीएफ 134 बटालियन को मिला है.
गैलेंट्री पलामू के अभियान एसपी अरुण कुमार सिंह, सीआरपीएफ 134 बटालियन में तैनात रहे डिप्टी कमांडेंट संजय मोहंती, सहायक कमांडेंट राजेन्द्र सिंह और राजेंद्र भंडारी को मिला है. पलामू पुलिस को तीन मेडल मिला है.
मुठभेड़ के लिए मिला है गैलेंट्री
2018 के फरवरी महीने में झुलझुल और मलंगा पहाड़ पर सुरक्षाबलों के साथ हुए मुठभेड़ में टॉप माओवादी कमांडर राकेश भुइयां समेत छह नक्सली मारे गए थे. पूरे अभियान के दौरान 12 नक्सली गिरफ्तार भी हुए थे, जबकि मई में हेसाग में मुठभेड़ में टीपीसी के तीन नक्सली मारे गए थे. तीनों मुठभेड़ के लिए गैलेंट्री अवार्ड दिया गया.
देश भर में CRPF को मिले 36 गैलेंट्री में से 18 गैलेंट्री पलामू में तैनात सीआरपीएफ 134 बटालियन को मिला है. सीआरपीएफ 134 बटालियन पलामू में 10 वर्षों से नक्सल विरोधी अभियान में तैनात हैं. गैलेंट्री से नवाजे गए जवान बेहद खुश है. उनका कहना है कि वे गैलेंट्री से काफी उत्साहित है.
अभियान एसपी अरुण कुमार सिंह ने जताई खुशी
अभियान एसपी अरुण कुमार सिंह 2016 से पलामू में नक्सल विरोधी अभियान में तैनात हैं. उनके कार्यकाल में नक्सल विरोधी अभियान में कई बड़ी सफलता मिली है. अरुण कुमार सिंह बताते है कि यह काफी शौर्य की बात है कि पलामू को 21 गैलेंट्री मिला है. इससे जवानों का काफी मनोबल बढ़ेगा.
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कमांडेंट अरुण देव शर्मा बताते है कि सीआरपीएफ 134 बटालियन इलाके में सुरक्षित माहौल देने के लिए कटिबद्ध है. पुलिस मेडल फॉर गैलेंट्री काफी उत्साहित करने वाला है. सभी मेडल 2018 में हुए मुठभेड़ के लिए मिले है. पलामू चार दशक से नक्सल हिंसा से पीडीत है. चार दशक से सुरक्षाबल नक्सल विरोधी अभियान में तैनात हैं. ऐसा पहली बार है कि 21 की संख्या नक्सल विरोधी अभियान में तैनात जवानों को गैलेंट्री मिला है.