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पूर्व नक्सली को अब भी मिल रहा 'उग्रवादी' का संबोधन, सरेंडर पॉलिसी का लाभ नहीं मिलने से अशेष सिंह परेशान

पलामू में वाहन चेकिंग (Vehicle Checking) के दौरान पूर्व नक्सली अशेष सिंह को पुलिस ने उग्रवादी कहकर संबोधित किया, जो आशेष को नागवार गुजरा, जिसके बाद उन्होंने पलामू डीसी से मिलकर जनता दरबार में यह आवेदन दे दिया कि पुलिस और नक्सली उसे जान से मारने की धमकी दे रहे हैं.

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Published : Aug 24, 2021, 8:44 PM IST

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वाहन चेकिंग अभियान

पलामू: आत्मसमर्पण करने वाले एक टॉप नक्सली कमांडर को बाइक चेकिंग (Vehicle Checking) के दौरान पुलिस जवानों ने उग्रवादी कहकर संबोधित किया. पूर्व नक्सली को यह नागवार गुजरा. यह बात पुलिस की जांच रिपोर्ट में सामने आई है कि बाइक चेकिंग अभियान के दौरान पूर्व नक्सली ने अपना परिचय दिया तो जवानों ने उसे उग्रवादी कहा.

इसे भी पढे़ं: पुलिस की गिरफ्त में 9 लुटेरे, लूट के वाहन से इस वारदात को देते थे अंजाम

पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र के मुंडू के अशेष सिंह ने पलामू डीसी से मिलकर जनता दरबार में यह आवेदन दिया था कि पुलिस और नक्सली उसे जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. उसने आत्मसमर्पण किया था, लेकिन आज तक उसे कोई लाभ नहीं मिला है. पलामू डीसी शशी रंजन ने इस पूरे मामले की जांच का आदेश दिया था.

आशेष सिंह को नहीं मिला सरकारी लाभ

अशेष सिंह के आवेदन के आधार पर सदर एसडीपीओ और सदर इंस्पेक्टर ने पूरे मामले की जांच की. जांच में पाया गया कि उसे आज तक कोई भी सरकारी लाभ नहीं मिला है. बाइक से आने जाने के क्रम में पुलिस उनसे रोक कर पूछताछ करती है. परिचय देने के बाद उन्हें उग्रवादी कहकर पुकारा जाता है, जो अशेष सिंह को नागवार लगता है.


इसे भी पढे़ं: PLFI एरिया कमांडर लोडेड रिवॉल्वर के साथ गिरफ्तार, कई मामलों में थी तलाश



2009 में दो टॉप नक्सल कमांडर की हत्या के बाद किया था आत्मसमर्पण


13 सितंबर 2009 को अशेष सिंह ने जेपीसी नक्सली संगठन के एरिया कमांडर की हत्या कर दी थी. उसके बाद उसने आत्मसमर्पण कर दिया था. आत्मसमर्पण के बाद आज तक अशेष सिंह को कोई सरकारी लाभ नहीं मिला है. अशेष सिंह ने उस दौरान चैनपुर थाना में ही आत्मसमर्पण किया था. उसने रायफल और गोली भी पुलिस को सौंप दिया था. अशेष ने डीसी से शिकायत की थी कि उसे सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला, साथ ही साथ पुलिस और नक्सली दोनों उसे जान से मारने की धमकी दे रहे हैं.

पलामू: आत्मसमर्पण करने वाले एक टॉप नक्सली कमांडर को बाइक चेकिंग (Vehicle Checking) के दौरान पुलिस जवानों ने उग्रवादी कहकर संबोधित किया. पूर्व नक्सली को यह नागवार गुजरा. यह बात पुलिस की जांच रिपोर्ट में सामने आई है कि बाइक चेकिंग अभियान के दौरान पूर्व नक्सली ने अपना परिचय दिया तो जवानों ने उसे उग्रवादी कहा.

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पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र के मुंडू के अशेष सिंह ने पलामू डीसी से मिलकर जनता दरबार में यह आवेदन दिया था कि पुलिस और नक्सली उसे जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. उसने आत्मसमर्पण किया था, लेकिन आज तक उसे कोई लाभ नहीं मिला है. पलामू डीसी शशी रंजन ने इस पूरे मामले की जांच का आदेश दिया था.

आशेष सिंह को नहीं मिला सरकारी लाभ

अशेष सिंह के आवेदन के आधार पर सदर एसडीपीओ और सदर इंस्पेक्टर ने पूरे मामले की जांच की. जांच में पाया गया कि उसे आज तक कोई भी सरकारी लाभ नहीं मिला है. बाइक से आने जाने के क्रम में पुलिस उनसे रोक कर पूछताछ करती है. परिचय देने के बाद उन्हें उग्रवादी कहकर पुकारा जाता है, जो अशेष सिंह को नागवार लगता है.


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13 सितंबर 2009 को अशेष सिंह ने जेपीसी नक्सली संगठन के एरिया कमांडर की हत्या कर दी थी. उसके बाद उसने आत्मसमर्पण कर दिया था. आत्मसमर्पण के बाद आज तक अशेष सिंह को कोई सरकारी लाभ नहीं मिला है. अशेष सिंह ने उस दौरान चैनपुर थाना में ही आत्मसमर्पण किया था. उसने रायफल और गोली भी पुलिस को सौंप दिया था. अशेष ने डीसी से शिकायत की थी कि उसे सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला, साथ ही साथ पुलिस और नक्सली दोनों उसे जान से मारने की धमकी दे रहे हैं.

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