पलामूः सावन माह चल रहा है. आम तौर पर इस महीने में झमाझम बारिश होती है, जिससे खेत और खलिहान हरा भरा दिखता है. लेकिन इस बार बारिश की जगह तेज पुरवइया हवा चल रही है. कहा जाता है पुरवइया हवा चलने से बारिश नहीं होती है. स्थिति यह है कि पिछले एक सप्ताह से लगातार पुरवइया हवा चल रही है. इससे जुलाई का तीसरा सप्ताह खत्म हो गया है. लेकिन एक दिन भी बारिश नहीं हुई है. जून माह में पलामू में औसत बारिश का सिर्फ 22 प्रतिशत ही बारिश हुई थी. वहीं, जुलाई में एक प्रतिशत भी बारिश नही हुई है. इससे जिले के किसान सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने की मांग करने लगे हैं.
यह भी पढ़ेंः बिन बारिश सब सून! साल 2016-17 के बाद सुखाड़ की ओर खूंटी
डालटनगंज से भाजपा विधायक आलोक चौरसिया ने कहा कि पलामू में सुखाड़ की स्थिति बन गई है. इस मुद्दे को आगामी विधानसभा सत्र में उठायेंगे. उन्होंने कहा कि पलामू को सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने की मांग की है. पूर्व विधायक राधाकृष्ण किशोर ने कृषि मंत्री बादल पत्रलेख से मुलाकात की है और सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने की मांग की.
पलामू में बारिश नहीं होने से धान के पिछड़े सूख गए हैं. वित्तीय वर्ष 2022-23 मई में 51 हजार हेक्टेयर में धान रोपने का लक्ष्य रखा गया था. जुलाई माह के दूसरे सप्ताह तक 70 प्रतिशत तक धान रोपनी का कार्य पूरा हो जाता है. लेकिन इस साल 10 प्रतिशत भी धान की रोपनी नहीं हुई है. पलामू प्रमंडल के कमिश्नर ने तीनों जिलों के अधिकारी को मंगलवार को कृषि की स्थिति पर समीक्षा बैठक आयोजित करने का निर्देश दिया है.