पलामू: कोरोना संकट से पूरा विश्व जूझ रहा है. हालात जल्द सामान्य होते नजर नहीं आ रहे हैं. इस महामारी से बचाव के लिए कई स्तर पर कदम उठाए जा रहे हैं. इन सब के बीच जेल में बंद लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाना बड़ी चुनौती है. झारखंड के एक जेल में कोरोनो पॉजिटिव कैदी मिला है. पलामू सेंट्रल जेल झारखंड के पांच बड़े जेलों में से एक है. पलामू सेंट्रेल जेल में कैदी और बंदियों को संक्रमण से बचाने के लिए कई पहल की गई.
कैदी खुद से मास्क और सेनेटाइजर बना रहे हैं वहीं उनके लिए सोशल डिस्टेंसिंग का भी खास ख्याल रखा जा रहा है. वहीं बिना मास्क के वार्ड से बाहर निकलने की इजाजत नहीं है. केंद्रीय कारा मेदिनीनगर में कैदी और बंदियों को एक-एक मीटर की दूरी पर रखा जा रहा है, ताकि सोशल डिस्टेंस बना रहे और कैदी और बंदी एक दूसरे के संपर्क में नही आएं. पलामू सेंट्रेल जेल के जेलर प्रमोद कुमार गुप्ता बताते हैं कि संक्रमण रोकने के लिए जेल के अंदर और बाहर कई कदम उठाए गए है.
14 दिन के लिए स्पेशल वार्ड में क्वॉरेंटाइन
जेलर प्रमोद कुमार गुप्ता ने बताया कि बाहर से आने वाले कैदी या बंदी को पहले 14 दिन स्पेशल वार्ड में क्वॉरेंटाइन में रखा जाता है. उसके बाद उन्हें सामान्य वार्ड में भेजा जाता है. उनकी पूरी तरह से हेल्थ चेकअप किया जाता है. जेल के डॉक्टर बिरेंद्र बताते हैं कि बिना मास्क के किसी भी कैदी या बंदी को वार्ड से बाहर निकलने की इजाजत नहीं है. सभी को सेनेटाइजर और मास्क उपलब्ध करवाया गया है.
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पलामू सेंट्रेल जेल में आए नये कैदी और बंदियों को क्वॉरेंटाइन में रखने के लिए तीन स्पेशल वार्ड बनाए गए है. तीनों वार्ड में सोशल डिस्टेंस का खास ख्याल रखा जाता है. वार्ड से किसी को भी बाहर निकलने की इजाजत नहीं हैं. वहीं 22 मार्च के बाद पलामू सेंट्रेल जेल में 288 विचाराधीन बंदी और कैदियों को लाया गया है. जिसमें 280 अंडर ट्रायल हैं जबकि 08 सजायाफ्ता कैदी हैं. जबकि इस दौरान जेल से 142 लोग बाहर भी निकले है.