पलामू: जिले में बाल विवाह के आंकड़े काफी गंभीर हैं. पलामू में होने वाली शादियों में 35 प्रतिशत बाल विवाह के दायरे में हैं. इन आंकड़ों को लेकर स्वाथ्य विभाग बेहद गंभीर है. पलामू में बाल विवाह के आंकड़ों पर स्वास्थ विभाग गंभीर हो गया है. बाल विवाह को लेकर स्वास्थ्य विभाग जागरूकता अभियान चलाएगा. पलामू सिविल सर्जन डॉक्टर अनिल कुमार सिंह ने बताया कि पलामू में बाल विवाह के आंकड़े काफी गंभीर हैं.
विभाग स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से आम लोगों से इसके प्रति जागरूकता अभियान लाएगा. उन्होंने बताया कि बाल विवाह समाज के लिए अभिशाप है और कम उम्र में हुई शादी बच्चों के परवरिश पर प्रभाव डालता है. कम उम्र में शादी होने के बाद जच्चा और बच्चा दोनों को खतरा बना रहता है. पलामू में 2018-19 और 2021-22 में 2 दर्जन से अधिक साथियों को प्रशासनिक तंत्र रुकवा चुकी है. यह सभी शादियां बाल विवाह के दायरे में रहे हैं.
पलामू स्वास्थ्य विभाग मामले में जागरूकता अभियान के दौरान पारिवार नियोजन और उसके उपायों के बारे में भी बताएगा. विभाग के अनुसार कम उम्र के महिलाओं को परिवार नियोजन और उनके तरीके के बारे में जानना चाहिए.