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माओवादी और TPC हो सकते हैं एकजुट, सुरक्षा एजेंसियां हुई अलर्ट - Maoist unity in palamu

माओवादी और टीपीसी नक्सलियों के एकजुट होने की बात सामने सामने आ रही है. जिसकी भनक मिलते ही सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं. सुरक्षा एजेंसी भी नक्सलियों के हरकत पर नजर बनाए हुए है.

सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट
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Published : Aug 3, 2019, 11:02 AM IST

Updated : Aug 3, 2019, 11:38 AM IST

पलामू: नक्सली संगठन भाकपा माओवादी और टीपीसी एक जुट हो सकते हैं. इसे लेकर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया है. सुरक्षा एजेंसियों ने मामले में एक दूसरे को पत्राचार भी किया है. इसे लेकर प्रशासन माओवादियों पर नजर बनाए हुए है.

देखें पूरी खबर

दरअसल, 2003-04 में भाकपा माओवादी से अलग हो कर ही टीएपीसी बना था. जिससे झारखंड में भाकपा माओवादी और टीपीसी को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था. जिसके बाद अब दोनों संगठनों के एक जुट होने की खबर सामने आई है. जिसके बाद दोनों संगठनों का एकजुट होना पुलिस के लिए चुनौती बन सकता है.

टॉप लीडर के बीच दो बार हुई बैठक
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाकपा माओवादी और टीपीसी के बीच गठजोड़ के लिए पहल माओवादियों का टॉप कमांडर प्रमोद मिश्रा और गौतम पासवान कर रहे हैं. जबकि टीएसपीसी के तरफ से सुप्रीमो ब्रजेश गंझू है जो जानकारी मिली है उसके अनुसार दोनों संगठनों के टॉप लीडर के बीच दो बार बैठक भी हुई है.

बैठक में आपसी गठजोड़ पर चर्चा हुई है. बैठक माओवादियों के मध्यजोन के प्रवक्ता विनय उर्फ मुराद के घर के इलाके में हुआ है. प्रमोद मिश्रा कुछ महीना पहले जेल से बाहर निकला है और भाकपा माओवादी को फिर से मजबूत करने में लगा हुआ है.

पलामू: नक्सली संगठन भाकपा माओवादी और टीपीसी एक जुट हो सकते हैं. इसे लेकर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया है. सुरक्षा एजेंसियों ने मामले में एक दूसरे को पत्राचार भी किया है. इसे लेकर प्रशासन माओवादियों पर नजर बनाए हुए है.

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दरअसल, 2003-04 में भाकपा माओवादी से अलग हो कर ही टीएपीसी बना था. जिससे झारखंड में भाकपा माओवादी और टीपीसी को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था. जिसके बाद अब दोनों संगठनों के एक जुट होने की खबर सामने आई है. जिसके बाद दोनों संगठनों का एकजुट होना पुलिस के लिए चुनौती बन सकता है.

टॉप लीडर के बीच दो बार हुई बैठक
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाकपा माओवादी और टीपीसी के बीच गठजोड़ के लिए पहल माओवादियों का टॉप कमांडर प्रमोद मिश्रा और गौतम पासवान कर रहे हैं. जबकि टीएसपीसी के तरफ से सुप्रीमो ब्रजेश गंझू है जो जानकारी मिली है उसके अनुसार दोनों संगठनों के टॉप लीडर के बीच दो बार बैठक भी हुई है.

बैठक में आपसी गठजोड़ पर चर्चा हुई है. बैठक माओवादियों के मध्यजोन के प्रवक्ता विनय उर्फ मुराद के घर के इलाके में हुआ है. प्रमोद मिश्रा कुछ महीना पहले जेल से बाहर निकला है और भाकपा माओवादी को फिर से मजबूत करने में लगा हुआ है.

Intro:माओवादी और टीपीसी हो सकते हैं एकजुट, सुरक्षा एजेंसियां हुई अलर्ट, हाल के दिनों में माओवादी और टीपीसी हुए हैं कमजोर

नीरज कुमार । पलामू

प्रतिबंधित आतंकी संगठन भाकपा माओवादी और तृतीय सम्मेलन प्रस्तुत कमिटी (TSPC) एक जुट हो सकते हैं। इसको लेकर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया है । सुरक्षा एजेंसियां ने मामले में एक दूसरे को पत्राचार भी किया है, सभी पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि दोनों संगठन कब एकजुट हो रहे हैं या गठजोड़ कर रहे हैं। 2003-04 में भाकपा माओवादी से अलग हो कर ही टीएसपीसी बना था। झारखण्ड में भाकपा माओवादी औ टीपीसी को बड़े पैमाने और नुकशान हुआ हैं। दोनों संगठनो का कई इलाकों में प्रभाव बेहद कमजोर हो गया है। दोनों संगठनों का एकजुट होना पुलिस के लिए चुनौती बन सकती है।


Body:माओवादीयों के तरफ से प्रमोद मिश्रा और गौतम पासवान कर रहे हैं पहल

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाकपा माओवादी और टीपीसी के बीच गठजोड़ के लिए पहल माओवादियों का टॉप कमांडर प्रमोद मिश्रा और गौतम पासवान कर रहे हैं। जबकि टीएसपीसी के तरफ से सुप्रीमो ब्रजेश गंझू है। जो जानकारी मिली है उसके अनुसार दोनों संगठनों के टॉप लीडर के बीच दो बार बैठक भी हुई है, बैठक में आपसी गठजोड़ पर चर्चा हुई है। बैठक माओवादियों के मध्यजोन के प्रवक्ता विनय उर्फ मुराद के घर के इलाके में हुआ है। प्रमोद मिश्रा कुछ महीना पहले जेल से बाहर निकला है और भाकपा माओवादी को फिर से मजबूत करने में लगा हुआ है।


Conclusion:माओवादी टॉप कमांडर संदीप यादव की गठजोड़ को लेकर नही हो रही सहमती

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार माओवादियों के मध्यजोन के टॉप कमांडर संदीप यादव उर्फ आरके टीपीसी और माओवादी के बीच गठजोड़ के लिए तैयार नही है। संदीप और टीपीसी के टॉप कमांडर ब्रजेश गंझू के बीच बातचीत नही होती। दोनों संगठनों का झारखण्ड बिहार सीमावर्ती इलाकों में प्रभाव है। कभी चतरा में टीएसपीसी के एक क्षत्र राज था लेकिन सुरक्षा एजेंसियों के कारवाई के बाद वह बेहद कमजोर हो गया गया। माओवादीयो को टीपीसी ने पलामू, लातेहार, चतरा, हजारीबाग, गढ़वा में काफी नुकशान पंहुचाया है। कभी दोनों संगठन एक दूसरे के खुन के प्यासे थे। 2011 में पलामू चतरा सीमा पर टीपीसी ने माओवादियों के टॉप 10 कमांडर की हत्या कर दी थी जबकि 25 का अपहरण किया था, 2013 में माओवादियों ने पलामू के कौड़िया में टीपीसी के 15 सदस्यों की हत्या कर दी थी।
Last Updated : Aug 3, 2019, 11:38 AM IST

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