जमशेदपुर: जिले में कई मजदूर संगठनों की ओर से संयुक्त रूप से सरकार के मजदूर विरोधी कानून को लेकर रैली निकाली गई. सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करते हुए रैली जिला उपायुक्त कार्यालय पहुंची. एडीएम लॉ एंड ऑर्डर ने कहा कि लॉक डाउन में बिना अनुमति के रैली निकाली गई है. इंसीडेंट कमांडर मामले की जांच कर कार्रवाई करेंगे.
दरअसल, जमशेदपुर में प्रवासी मजदूरों ने असंगठित श्रमिकों के मुद्दों, कानूनी ट्रेड यूनियन के अधिकार के साथ मजदूरी और नौकरी की सुरक्षा संबंधित 12 सूत्री मांग कर रहे हैं. इसको लेकर मजदूर संगठनों ने एक जुट होकर साकची आम बागान से रैली निकाली. हजारों की संख्या में रैली में शामिल मजदूर और संगठन के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सरकार के श्रम विरोधी कानून के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए उपायुक्त कार्यालय पहुंचे.
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लॉकडाउन में निकाली गई इस रैली में सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन किया गया. उपायुक्त कार्यालय पहुंचने के बाद मजदूर यूनियन के नेताओं ने एडीएम लॉ एंड ऑर्डर को अपना मांग पत्र सौंपा. एडीएम लॉ एंड ऑर्डर एनके लाल ने बताया कि लॉक डाउन में बिना अनुमति के रैली निकाली गई है. इस मामले में इंसीडेंट कमांडर की ओर से जांच कर कार्रवाई की जाएगी.
इधर, रैली का नेतृत्व कर रहे केंद्रीय श्रम संगठनों के संयुक्त मंच के संयोजक सह इंटक नेता राकेश्वर पांडेय ने बताया कि रेल, कोल और पब्लिक सेक्टर को सरकार निजीकरण करने की कोशिश कर रही है, जिसका विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश मे बेरोजगारी बढ़ती जा रही है. पेट्रोल डीजल की कीमतें बढ़ रही हैं, महंगाई बढ़ रही हैं. इसका जनता और मजदूरों पर व्यापक असर पड़ रहा है.
वहीं, मजदूर नेता रघुनाथ पांडेय ने कहा कि आज नई कंपनी नही आ रही हैं. मज़दूरों को काम से निकाला जा रहा है. बीजेपी सरकार ऐसा कानून ला रही है, जिससे स्थाई नौकरी पर तलवार लटक रही हैं, जिसके विरोध में रैली निकाली गई है.