जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम जिला में लॉकडाउन के कारण कई मजदूरों फंसे है तो कोई अपने घरों में बैठे हुए है लेकिन जमशेदपुर के काला झरना के मजदूर लॉकडाउन में भी अपने कार्य को बखूबी निभा रहे हैं. मजदूरों ने इस लॉकडाउन की अवधी का बेहतरीन उपयोग किया है. बता दें कि जमशेदपुर से 27 किलोमीटर दूर जुगसलाई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पटमदा क्षेत्र में पहाड़ की तलहटी में काला झरना गांव बसा है. यहां के लोगों को पथरीली और जर्जर सड़कों से होकर जाना पड़ता है.
सड़क के लिए ग्रामीण परेशान
वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि अपने गांव से शहर जाने वाली मुख्य सड़क तक पहुंचने के लिए लंबा सफर तय करना पड़ता है. इसके साथ ही इस गांव में सरकारी विकास का काम बिल्कुल भी नहीं हुआ है. सड़कें पूरी तरह से जर्जर है, जिस कारण मुख्य सड़क तक पहुंचने के लिए कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा मानसून के महीने में बारिश का पानी पूरी तरह भर जाता है. जिससे कई तरह के हादसे की भी संभावना होती है.
वहीं, गांव के उदय मुर्मू ने बताया है कि गांव में बैठक कर पुल बनाने का संकल्प लिया गया और काम शुरू किया गया है. लॉकडाउन में काम नहीं होने के बाद भी मजदूरों ने मिलजुल कर पुल का निर्माण किया.
समस्या का खुद से किया निदान
काला झरना गांव के ग्रामीणों ने गांव से कुछ दूरी पर स्थित गहरे जमीन के ऊपर बांस और लकड़ी से एक पुल का निर्माण किया है. बांस और लकड़ी से बने पुल के इस्तेमाल से ग्रामीण गांव की सड़क से मुख्य सड़क तक अब आसानी से पैदल या साइकिल के जरिये पहुंच सकेंगे.
विधायक ने ग्रामीणों के हौंसले को सराहा
पुल निर्माण की खबर जब विधायक मंगल कालिंदी को मिली तो उन्होंने ग्रामीणों के हौंसले की सरहना की. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद ग्रामीणों संग बैठक कर उनकी समस्या का समाधान करने का पूरा प्रयास करेंगे.
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बहरहाल, झारखंड बनने के 20 साल में भी गांव की तस्वीर नहीं बदली है. अब ग्रामीण खुद तस्वीरों को बदलने की मुहिम में जुट गए है. ग्रामीणों ने यह साबित कर दिया है कि लॉकडाउन में भले ही काम नहीं मिल पाया है लेकिन वो अपना परिश्रम करना नहीं भूले है.