जमशेदपुर: झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव में एक तरफ बीजेपी 65 पार का नारा दे रही है. वहीं जनता का प्रतिनिधित्व करने के लिए महिला उम्मीदवार भी टिकट की आस लगाए बैठी हैं. बीजेपी की महिला कार्यकर्ताओं ने साफ तौर पर कहा है कि महिलाएं पहले की अपेक्षा ज्यादा सशक्त हुई हैं. अब चुनाव में उनकी भी भागीदारी सुनिश्चित होनी चाहिए.
पार्टियों में जोड़-घटाव जारी
झारखंड विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है, राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने खेमे में प्रत्याशियों को लेकर जोड़-घटाव के समीकरण में लग गई हैं. वहीं बीजेपी अपने दम पर 65 प्लस का नारा देकर एक बार फिर सत्ता पर काबिज होने का ख्वाब देख रही है. झारखंड के 81 विधानसभा सीट के लिए मंथन जारी है. वहीं महिलाएं भी अब चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में है.
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बीजेपी से 5 महिला विधायक
बता दें कि 2014 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने झारखंड में 8 महिला प्रत्याशियों को टिकट दिया था. जिसमें पांच महिला प्रत्याशी विधायक बनी. हालांकि टिकट बंटवारे को लेकर शीर्ष नेताओं में अपने-अपने खेमे से प्रत्याशियों को मैदान में उतारने की तैयारी है, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं. वहीं जानकारी के मुताबिक केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा भी खरसावां विधानसभा सीट से लड़ने की तैयारी में है. संगठन में लंबे समय से पार्टी के लिए काम करने वाली महिला कार्यकर्ता अब जनता का प्रतिनिधित्व करने के लिए टिकट मिलने की आस में है.
महिलाओं की दावेदारी भी जरूरी
बीजेपी महिला मोर्चा की झारखंड प्रदेश अध्यक्ष आरती सिंह ने कहा है कि पार्टी कार्यकर्ताओं का सम्मान करना जानती है. इस बार विधानसभा चुनाव में महिलाओं की ज्यादा से ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी. वहीं, मिशन मोदी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष प्रीति सिन्हा ने कहा है कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे हैं. वह बेहतर काम कर रही हैं वह योग्य भी हैं, उन्हें टिकट मिलना चाहिए, जबकि प्रधानमंत्री भी महिलाओं का सम्मान करते हैं. महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं ऐसे में आज महिलाओं की दावेदारी सुनिश्चित होनी चाहिए.
घर संभालते हुए निभाते हैं संगठन की जिम्मेदारी
इधर, 1999 से बीजेपी से जुड़कर महिलाओं का प्रतिनिधित्व करने वाली बारी मुर्मू ने कहा है कि महिलाएं अपने घर को संभालते हुए संगठन के लिए भी काम कर रही हैं. ऐसे में टिकट मिलना उनका अधिकार है, उन्होंने कहा है कि 33% की दावेदारी महिलाओं की सुनिश्चित होनी चाहिए. बहरहाल, बीजेपी में महिला कार्यकर्ताओं को अपने शीर्ष नेताओं पर पूरा भरोसा है कि उन्हें चुनावी मैदान में उतरने का मौका मिलेगा.
- 2005 में बीजेपी ने उतारे 3 महिला प्रत्याशी, जिनमें से 2 को मिली जीत
- 2009 में बीजेपी ने उतारे 7 महिला प्रत्याशी, जिनमें से 3 को मिली जीत
- 2014 में बीजेपी ने उतारे 8 महिला प्रत्याशी, जिनमें से 5 को मिली जीत.