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लौहनगरी में 16 लाख 70 हजार की आबादी पर गहरा सकता है जल संकट. सूखने लगी हैं नदियां

जमशेदपुर में गर्मी की शुरुआत होते ही तापमान 39 डिग्री तक जा पहुंची है. ऐसे में पानी के बिना आने वाले दिनों में लोगों की स्थिति का अंदाजा सहज रूप से लगाया जा सकता है. गर्मी के दिनों में नदी के सूखने के साथ-साथ कई चापाकल, कुआं सुख जाते हैं. पानी की कमी होने से लोगों में इसका डर सताने लगा है.

सूख रही नदियां
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Published : Apr 5, 2019, 9:38 AM IST

जमशेदपुर की लाइफ लाइन कहे जाने वाली स्वर्णरेखा नदी गर्मी के दिनों में दगा दे सकती है. बढ़ती गर्मी के कारण जलस्तर कम होते जा रहा है. इससे आने वाले दिनों में लौहनगरी के लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है.

सूख रही नदियां

परेशानियों का सामना करना पड़ेगा
बता दें कि गर्मी की शुरुआत होते ही तापमान 39 डिग्री तक जा पहुंची है. ऐसे में पानी के बिना आने वाले दिनों में लोगों की स्थिति का अंदाजा सहज रूप से लगाया जा सकता है. गर्मी के दिनों में नदी के सूखने के साथ-साथ कई चापाकल, कुआं सुख जाते हैं. पानी की कमी होने से लोगों में इसका डर सताने लगा है. मानगो चौक से पानी ढोकर लाना पड़ता है, पानी की कमी होने से पीने योग्य पानी की कमी होगी. दिनचर्या के काम में भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.

ये भी पढ़ें- कुख्यात अपराधी आकाश सिंह उर्फ बाटला गिरफ्तार, हथियार बरामद

आश्वासन अब मुंह चिढ़ा रही है
हर साल बढ़ती गर्मी में पानी की यही कहानी सामने आती है. अधिकारी कुछ करने का आश्वासन देते हैं, लेकिन वह आश्वासन अब मुंह चिढ़ा रही है. बहरहाल बढ़ती गर्मी के साथ जन जीवन अस्त-व्यस्त होने लगा है. जिले के एक हिस्से की आबादी को घंटों इंतजार करने के बाद एक बाल्टी पानी मिलती है.

जमशेदपुर की लाइफ लाइन कहे जाने वाली स्वर्णरेखा नदी गर्मी के दिनों में दगा दे सकती है. बढ़ती गर्मी के कारण जलस्तर कम होते जा रहा है. इससे आने वाले दिनों में लौहनगरी के लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है.

सूख रही नदियां

परेशानियों का सामना करना पड़ेगा
बता दें कि गर्मी की शुरुआत होते ही तापमान 39 डिग्री तक जा पहुंची है. ऐसे में पानी के बिना आने वाले दिनों में लोगों की स्थिति का अंदाजा सहज रूप से लगाया जा सकता है. गर्मी के दिनों में नदी के सूखने के साथ-साथ कई चापाकल, कुआं सुख जाते हैं. पानी की कमी होने से लोगों में इसका डर सताने लगा है. मानगो चौक से पानी ढोकर लाना पड़ता है, पानी की कमी होने से पीने योग्य पानी की कमी होगी. दिनचर्या के काम में भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.

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आश्वासन अब मुंह चिढ़ा रही है
हर साल बढ़ती गर्मी में पानी की यही कहानी सामने आती है. अधिकारी कुछ करने का आश्वासन देते हैं, लेकिन वह आश्वासन अब मुंह चिढ़ा रही है. बहरहाल बढ़ती गर्मी के साथ जन जीवन अस्त-व्यस्त होने लगा है. जिले के एक हिस्से की आबादी को घंटों इंतजार करने के बाद एक बाल्टी पानी मिलती है.

Intro:एंकर--लौहनगरी में 16 लाख 70 हज़ार की आबादी पर गहरा सकता है जल संकट. बढ़ती तपिश के साथ ही स्वर्णरेखा नदी में पानी कम होने लगा।देखिए एक रिपोर्ट


Body:वीओ1--जमशेदपुर की लाइफ़ लाईन कहे जाने वाली स्वर्णरेखा नदी गर्मी के दिनों में दगा दे सकती है,बढ़ती गर्मी के कारण जलस्तर कम होते जा रहा है,इससे आने वाले दिनीं में लौहनगरी के लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है.गर्मी की शुरुआत होते ही तापमान 39डिग्री तक जा पहुंची है.ऐसे में पानी के बिना आने वाले दिनों में लोगों की स्थिति का अंदाज सहज रूप से लगाया जा सकता है.गर्मी के दिनों में नदी के सूखने के साथ--साथ कई चापाकल,कुआँ सुख जाते हैं,पानी की कमी होने से लोगों में इसका डर सताने लगा है.मानगो चौक से पानी ढोकर लाना पड़ता है,पानी की कमी होने से पीने योग्य पानी की कमी होगी,दिनचर्या के काम में भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.यहाँ साफ पानी भी नहीं मिलता है।
बाइट--स्थानीय निवासी
बाइट--स्थानीय निवासी
वीओ2--हर साल बढ़ती गर्मी में पानी की यही कहानी सामने आती है,अधिकारी कुछ करने का आश्वासन देते हैं लेकिन वह आश्वासन अब मुँह चिढ़ा रही है.सुनिए इस मामले में जिम्मेदार अधिकारी क्या कहते हैं.बढ़ती गर्मी से नदियों का जलस्तर कम होते जा रही है.लोगों को आने वाले समय में भारी कठिनाई हो जाती है.बीच--बीच में चांडिल से पानी छोड़ा जाता है,जिससे स्वर्णरेखा नदी में जलस्तर बढ़ती है.यह पानी गंदी हो जाती है,पीना से कोशों दूर यह नहाने लायक भी नहीं होता है.गर्मियों में पानी सूखने से जलकुम्भी पौधे इसमें आ जातर हैं जिससे पानी दूषित हो जाता है।
बाइट--विस्वनाथ ठाकुर( जूनियर इंजीनियर केंद्रीय जल आयोग)




Conclusion:बहरहाल बढ़ती गर्मी के साथ जन जीवन अस्त--व्यस्त होने लगा है,जिले के एक हिस्से की आबादी को घंटो इंतजार करने के बाद एक बाल्टी पानी मिलती है।
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