जमशेदपुर: शहर में मंदी के कारण बेरोजगारी बढ़ गई है. औद्योगिक क्षेत्र की कई कंपनियां बंद होने से कर्मचारियां काम की तलाश में भटक रहें हैं. युवक आत्महत्या करने पे उतर आएं है. वहीं, इन सभी को आधार बनाकर जनहित याचिका दायर की गई थी जिसे हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया और पूरे मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है.
यूथ इंटक के राष्ट्रीय महासचिव और टाटा वर्कर्स यूनियन के सचिव नितेश राज ने कहा कि जमशेदपुर समेत आदित्यपुर में कई कंपनियां बंद हो गई है. आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की कई कंपनियों में प्रोडक्शन की गति धीमी है. आर्डर नहीं मिलने से कर्मचारियों को बैठा दिया जा रहा है. पिछले दिनों शहर में दो युवकों की आत्महत्या करने में स्पष्ट कारण उनकी नौकरी का जाना था इस बात से आहत होकर और वर्तमान रोजगार की स्थिति को देखते हुए उन्होंने जनहित याचिका के माध्यम से बात को ऊंचे फोरम तक ले जाने का प्रयास किया है.
ये भी देखें- चाईबासा नरसंहारः समीर उरांव बोले, पूरी घटना की हो CBI जांच, मृतक के परिजनों को मिले मुआवजा और सरकारी नौकरी
मुआवजा देने का प्रावधान
उन्होंने कहा कि वे राज्य और केंद्र सरकार से यह मांग करते हैं कि अगर किसी कर्मचारी को मंदी के कारण कंपनी से निकाला जाता है तो उसे मुआवजा देने का प्रावधान बनाया जाए. उन्होंने कहा जिसके उपर पूरा परिवार आश्रित है, उसकी नौकरी चले जाने से रोड पर आने वाली स्थिति बन जाती है. इसका असर बच्चों की पढ़ाई, इलाज, रोजमर्रा के जीवन पर असर पड़ता है. इन सभी को आधार बनाकर जनहित याचिका दायर की गई थी जिसे हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया और पूरे मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है.