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झारखंड हाई कोर्ट के फैसले के बाद अधर में शिक्षकों का भविष्य

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Published : Sep 25, 2020, 11:15 AM IST

झारखंड में 2016 में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया मामले में झारखंड हाई कोर्ट के फैसले के बाद शिक्षक परेशान हैं. पूर्वी सिंहभूम के करीब 377 शिक्षक इससे प्रभावित हो रहे हैं.

2016 teacher appointment process
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जमशेदपुर: 2016 में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में हाई कोर्ट के फैसले के बाद शिक्षकों के भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लग गया है. पूर्वी सिंहभूम में करीब 377 शिक्षक इससे प्रभावित हो रहे हैं, जिसमें करीब 100 शिक्षक दूसरे सरकारी या अच्छे जगहों पर कार्यरत थे.

देखिए पूरी खबर

इस सबंध में विद्या निकेतन प्लस 2 स्कूल में विज्ञान की शिक्षिका संजू शर्मा ने बताया कि वह इससे पहले भी चाईबासा में मिडिल स्कूल की शिक्षक थीं और तीन इन्क्रीमेंट हो चुका था. वेतन भी दस हजार से ज्यादा था, लेकिन अपने बच्चों के खातिर उन्होंने यहां काम किया और अब हाई कोर्ट के इस फैसले के कारण वो परेशान हैं. उन्होंने बताया कि हाल ही में कर्ज लेकर फ्लैट भी खरीदा है. सरकार पर भरोसा है वो हमें न्याय जरूर दिलवाएगी.

ये भी पढे़ं: शिक्षकों को पढ़ाने के लिए भेजे गांव, रोस्टर पर स्कूल खोलने से बेहतर होगा ये उपाय: शिक्षा मंत्री

वहीं, पोटका के शकरदा हाई स्कूल में अग्रेंजी शिक्षक आदित्या भट्टाचार्य का कहना है वे जुलाई 2019 में यहां ज्वाइन किए. अभी तक एक माह का भी वेतन नहीं मिला है. वहीं, मां कैंसर बीमारी से पीड़ित है. उनके इलाज में काफी पैसा खर्च हो रहा है. ऐसे में कोर्ट का ये फैसला मुसिबत बनकर आया है. पोटका हाई
स्कूल की शिक्षीका ने कहा कि कोर्ट के इस फैसले ने तो कहीं का नहीं छोड़ा वे काफी मेहनत के बाद इस जगह को ज्वाइन की हैं.

जमशेदपुर: 2016 में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में हाई कोर्ट के फैसले के बाद शिक्षकों के भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लग गया है. पूर्वी सिंहभूम में करीब 377 शिक्षक इससे प्रभावित हो रहे हैं, जिसमें करीब 100 शिक्षक दूसरे सरकारी या अच्छे जगहों पर कार्यरत थे.

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इस सबंध में विद्या निकेतन प्लस 2 स्कूल में विज्ञान की शिक्षिका संजू शर्मा ने बताया कि वह इससे पहले भी चाईबासा में मिडिल स्कूल की शिक्षक थीं और तीन इन्क्रीमेंट हो चुका था. वेतन भी दस हजार से ज्यादा था, लेकिन अपने बच्चों के खातिर उन्होंने यहां काम किया और अब हाई कोर्ट के इस फैसले के कारण वो परेशान हैं. उन्होंने बताया कि हाल ही में कर्ज लेकर फ्लैट भी खरीदा है. सरकार पर भरोसा है वो हमें न्याय जरूर दिलवाएगी.

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वहीं, पोटका के शकरदा हाई स्कूल में अग्रेंजी शिक्षक आदित्या भट्टाचार्य का कहना है वे जुलाई 2019 में यहां ज्वाइन किए. अभी तक एक माह का भी वेतन नहीं मिला है. वहीं, मां कैंसर बीमारी से पीड़ित है. उनके इलाज में काफी पैसा खर्च हो रहा है. ऐसे में कोर्ट का ये फैसला मुसिबत बनकर आया है. पोटका हाई
स्कूल की शिक्षीका ने कहा कि कोर्ट के इस फैसले ने तो कहीं का नहीं छोड़ा वे काफी मेहनत के बाद इस जगह को ज्वाइन की हैं.

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