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मिलिए झारखंड के दशरथ माझी से, पत्नी की याद में पत्थर तोड़कर बना रहे घर - झारखंड के दशरथ माझी सुनील सिंह

दशरथ मांझी ने जिस तरह पत्नी के लिए पहाड़ खोदकर रास्ता बनाया था, उसी तरह मुसाबनी के सुनील सिंह दिवंगत पत्नी की इच्छा पूरी करने के लिए पहाड़ काटकर पत्थर से घर बना रहे हैं.

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सुनील सिंह
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Published : Jan 17, 2021, 7:52 PM IST

Updated : Jan 17, 2021, 8:20 PM IST

जमशेदपुर: शहर से करीब 60 किलोमीटर दूर मुसाबनी प्रखंड के सुदूर पहाड़ी इलाके के रहने वाले सुनील सिंह अपनी पत्नी की याद में पहाड़ काट कर उसके पथर से घर बना रहे है. हर दिन सुबह सुनील सिंह हाथों में लोहे का सब्बल और हथौड़ा लेकर पहाड़ पर जाते हैं और पथर तोड़ते हैं और फिर पत्थर को मिटी से जोड़ कर घर बनाते हैं. 15 दिनों में इन्होंने घर का दीवार और दरवाजा का मुंह तैयार कर लिया है. उनका जुनून देखकर गांव का हर व्यक्ति हैरान है.

देखें पूरी खबर

सुनील सिंह का कहना है कि यह काम बिना किसी के मदद के कर रहे है, वह अपने लिए घर नहीं बना रहे हैं. उनकी पत्नी की इच्छा थी कि पहाड़ से पत्थर लाकर उसके लिए एक घर बनाए और आज वह उसकी खुशी के लिए यह घर बना रहे हैं. जुनून से भरे सुनील सिंह कहते हैं कि मेरा काम तब तक जारी रहेगा, जब तक यह घर बन नहीं जाता.

ये भी पढ़े- IIT-ISM का नया आविष्कार, बनाया रैपिड ऑर्गेनिक वेस्ट स्टेबिलाइजर

सुनील सिंह की बेटी नीता कुमारी बताती हैं कि यह जमीन उनकी मां ने लिया था लेकिन अब तक यहां घर नहीं बना पाए थे. बेटी नीता ने कहा कि उनके पिता अपनी पत्नी की याद में कड़ी मेहनत कर पहाड़ से पत्थर लाकर घर बना रहे हैं. वहीं, दामाद ने भी कहा कि बिना मदद के घर बनाना किसी की बस की नहीं. बीच-बीच में बेटी-दामाद इन्हें देखने आ जाते हैं, लेकिन इन्होंने अपने जीवन में किसी से मदद की भीख नहीं मांगी है.

जमशेदपुर: शहर से करीब 60 किलोमीटर दूर मुसाबनी प्रखंड के सुदूर पहाड़ी इलाके के रहने वाले सुनील सिंह अपनी पत्नी की याद में पहाड़ काट कर उसके पथर से घर बना रहे है. हर दिन सुबह सुनील सिंह हाथों में लोहे का सब्बल और हथौड़ा लेकर पहाड़ पर जाते हैं और पथर तोड़ते हैं और फिर पत्थर को मिटी से जोड़ कर घर बनाते हैं. 15 दिनों में इन्होंने घर का दीवार और दरवाजा का मुंह तैयार कर लिया है. उनका जुनून देखकर गांव का हर व्यक्ति हैरान है.

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सुनील सिंह का कहना है कि यह काम बिना किसी के मदद के कर रहे है, वह अपने लिए घर नहीं बना रहे हैं. उनकी पत्नी की इच्छा थी कि पहाड़ से पत्थर लाकर उसके लिए एक घर बनाए और आज वह उसकी खुशी के लिए यह घर बना रहे हैं. जुनून से भरे सुनील सिंह कहते हैं कि मेरा काम तब तक जारी रहेगा, जब तक यह घर बन नहीं जाता.

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सुनील सिंह की बेटी नीता कुमारी बताती हैं कि यह जमीन उनकी मां ने लिया था लेकिन अब तक यहां घर नहीं बना पाए थे. बेटी नीता ने कहा कि उनके पिता अपनी पत्नी की याद में कड़ी मेहनत कर पहाड़ से पत्थर लाकर घर बना रहे हैं. वहीं, दामाद ने भी कहा कि बिना मदद के घर बनाना किसी की बस की नहीं. बीच-बीच में बेटी-दामाद इन्हें देखने आ जाते हैं, लेकिन इन्होंने अपने जीवन में किसी से मदद की भीख नहीं मांगी है.

Last Updated : Jan 17, 2021, 8:20 PM IST
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