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नई सरकार से सांसद सुनील महतो हत्याकांड की जांच की मांग: सुमन महतो - Late MP Sunil Mahato

बुधवार को दिवंगत सांसद सुनील महतो का शहादत दिवस मनाया गया. इस दौरान वहां पर सर्व धर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया, जहां पर विभिन्न समुदायों से आए धर्म गुरूओं ने अपने-अपने हिसाब से उन्हें श्रद्धांजलि दी.

Sunil Mahato murder investigation
सुनील महतो का शहादत दिवस
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Published : Mar 5, 2020, 10:23 AM IST

जमशेदपुर: बुधवार को कदमा गणेश पूजा मैदान में दिवंगत सांसद सुनील महतो का शहादत दिवस मनाया गया. इस दौरान वहां पर सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. जहां पर विभिन्न समुदायों से आए धर्म गुरूओं ने अपने-अपने हिसाब से उन्हें श्रद्धांजलि दी. उसके बाद पूर्व सासंद सुमन और उनकी दोनों बेटियों ने दिवंगत सासंद सुनील महतो के तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए.

देखिए पूरी खबर

सुमन महतो ने कहा कि इस घटना को 13 साल बीत गए हैं, लेकिन उन्हें अभी तक न्याय नहीं मिला है. इसलिए वे नई हेमंत सोरेन की सरकार से इस मामले की सही तरीके से जांच की मांग करेंगी. सुमन महतो ने कहा कि आज तक यह समझ में नहीं आया है कि नागरिक सुरक्षा समिति को संरक्षण और ग्रामीणों के साथ ज्यादा मेलजोल रखने की वजह से नक्सलियों ने उनके पति की हत्या क्यों की. वह सरेंडर कर चुके नक्सली राहुल से मिलकर सिर्फ यह जानना चाहती है कि किसके इशारे पर यह सारा खेल हुआ है. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को इतनी सुविधाएं दी जा रही हैं, लेकिन नक्सली हिंसा के शिकार परिवार को कोई पूछता नहीं.

ये भी पढ़ें: झारखंड कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष इरफान अंसारी के बिगड़े बोल, BJP विधायक के बारे में कही ये बात

बता दें कि 13 साल पहले यानी चार मार्च 2007 को घाटशिला के बेघरिया में फुटबॉल मैच के दौरान नक्सलियों ने तत्कालीन सांसद सुनील महतो की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड में शामिल नक्सली विकास महतो को डुमरिया के भीतर आमदा में ग्रामीणों ने जहर खिलाकर मार डाला था. उसके पास से सांसद के बॉडीगार्ड से लूटी गई इंसास रायफल भी बरामद हुई थी, जबकि हत्या में शामिल नक्सली राहुल उर्फ रंजीत पाल बंगाल पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर चुका है.

जमशेदपुर: बुधवार को कदमा गणेश पूजा मैदान में दिवंगत सांसद सुनील महतो का शहादत दिवस मनाया गया. इस दौरान वहां पर सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. जहां पर विभिन्न समुदायों से आए धर्म गुरूओं ने अपने-अपने हिसाब से उन्हें श्रद्धांजलि दी. उसके बाद पूर्व सासंद सुमन और उनकी दोनों बेटियों ने दिवंगत सासंद सुनील महतो के तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए.

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सुमन महतो ने कहा कि इस घटना को 13 साल बीत गए हैं, लेकिन उन्हें अभी तक न्याय नहीं मिला है. इसलिए वे नई हेमंत सोरेन की सरकार से इस मामले की सही तरीके से जांच की मांग करेंगी. सुमन महतो ने कहा कि आज तक यह समझ में नहीं आया है कि नागरिक सुरक्षा समिति को संरक्षण और ग्रामीणों के साथ ज्यादा मेलजोल रखने की वजह से नक्सलियों ने उनके पति की हत्या क्यों की. वह सरेंडर कर चुके नक्सली राहुल से मिलकर सिर्फ यह जानना चाहती है कि किसके इशारे पर यह सारा खेल हुआ है. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को इतनी सुविधाएं दी जा रही हैं, लेकिन नक्सली हिंसा के शिकार परिवार को कोई पूछता नहीं.

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बता दें कि 13 साल पहले यानी चार मार्च 2007 को घाटशिला के बेघरिया में फुटबॉल मैच के दौरान नक्सलियों ने तत्कालीन सांसद सुनील महतो की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड में शामिल नक्सली विकास महतो को डुमरिया के भीतर आमदा में ग्रामीणों ने जहर खिलाकर मार डाला था. उसके पास से सांसद के बॉडीगार्ड से लूटी गई इंसास रायफल भी बरामद हुई थी, जबकि हत्या में शामिल नक्सली राहुल उर्फ रंजीत पाल बंगाल पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर चुका है.

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