जमशेदपुर: नोटबंदी, ई मार्केट के बाद लाॅकडाउन ने व्यापारियों की कमर तोड़ दी है. अब उन्हे इनसे उभरने में काफी समय लग सकता है. लाॅकडाउन के कारण इनकी आर्थिक स्थिति भी खराब होते जा रही है. एक अनुमान के अनुसार, पूर्वी सिंहभूम में करीब एक लाख से ज्यादा छोटे मंझोले व्यापारी प्रभावित हुए हैं. इस कारण करोड़ों रुपए के कारोबार पर असर पड़ा है. पहले तो व्यापारियों को लगा कि 21 दिनों की बात है, लेकिन जब लाॅकडाउन दूसरी बार बढ़ा तो इन लोगों के लिए परेशानी ज्यादा हो गई. अब तीसरी बार लाॅकडाउन बढ़ा तो ये अब डिप्रेशन में जा रहे हैं.
परेशान हैं कारोबारी
वहीं, दूसरी तरफ से श्रम विभाग भी इन लोगों को नोटिस देकर कर्मचारियों को वेतन देने के लिए दबाव बना रही है. यही नहीं जीएसटी और इनकम टैक्स रिटर्न वो भी भरना इन लोगों के लिए आफत हो गई है. व्यापारियों का कहना है कि इस विकट परिस्थिति में हमलोग सरकार के आदेश का अनुपालन करते हुए अपने कार्यों का पालन कर रहे हैं. एक माह से ज्यादा होने को है, आर्थिक स्थिति काफी खराब हो रही है. सरकार ने तो अभी तक कोई पकैज की भी घोषणा नहीं की है.
![Businessmen upset by lockdown, lockdown in Jharkhand, corona crisis, trade off of Jamshedpur, लॉकडाउन से व्यापारी परेशान, झारखंड में लॉकडाउन, कोरोना संकट, जमशेदपुर का व्यापार बंद](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/7038840_bazar.png)
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विधायक ने जाहिर की चिंता
इस मामले में जमशेदपुर पूर्वी के निर्दलीय विधायक सरयू राय का कहना है कि सरकार छोटे-मंझोले व्यापारियों के लिए कुछ पैकेज की घोषणा करें. पिछले दो माह का बिजली बिल को माफ करे और अगले 6 माह तक बिजली बिल आधी ले. उन्होंने इसके लिए झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी बात की है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास पैसा नहीं है तो केंद्र सरकार से विशेष पैकेज मांगे.
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केंद्र सरकार और राज्य सरकार पर निगाहें टिकी
बहरहाल, केंद्र सरकार ने कई जगहों को ग्रीन जोन में चिन्हित कर दिया है, लेकिन इस ग्रीन जोन में किस तरह की दुकानें खुलेंगी और उसकी योजना क्या रहेगी इस पर सरकार की ओर से कोई बयान नहीं आया है. छोटे मंझोले व्यापारियों की निगाहें केंद्र सरकार और राज्य सरकार के राहत पर टिकी हुई हैं.