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विजयादशमी पर सुहागिनों ने खेली सिंदूर की होली, पढ़ें क्या है मान्यता - Sindoor played

जमशेदपुर की काली बाड़ी में सिंदूर खेला के साथ महिलाओं ने दुर्गा माता को अंतिम विदाई दी. बंगाली सुहागिन महिलाएं द्वारा सिंदूर खेला का आयोजन करती हैं. सबसे पहले मां की प्रतिमा के सामने सिंदूर चढ़ाते हैं. इसके बाद बंगाली महिलाएं एक दूसरे को सिंदूर लगाकर त्योहार की खुशियां मनाती हैं.

विजयादशमी में होता है सिंदूर खेला
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Published : Oct 8, 2019, 3:29 PM IST

जमशेदपुर: हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार सिंदूर लगाकर मां दुर्गा को विदाई दी जाती है. विजयादशमी के दिन माता की पूजा करने के बाद उन्हें सिंदूर लगाया जाता है. इस दौरान सभी महिलाएं आपस में एक-दूसरे को सिंदूर लगाती हैं. ऐसी मान्यता है कि विदाई के वक्त माता को सिंदूर लगाकर उन्हें ससुराल के लिए विदा किया जाता है. इसके बाद माता की प्रतिमा को नदी में विसर्जित कर दिया जाता है.

वीडियो में देखें पूरी खबर

जमशेदपुर की काली बाड़ी में सिंदूर खेला के साथ महिलाओं ने दुर्गा माता को विदाई दी. बंगाली सुहागिन महिलाएं सिंदूर खेला का आयोजन करती हैं. सबसे पहले मां की प्रतिमा के सामने सिंदूर चढ़ाते हैं. इसके बाद बंगाली महिलाएं एक दूसरे को सिंदूर लगाकर त्योहार की खुशियां मनाती हैं.

ये भी पढ़ें- दुर्गा पूजा स्थल से 100 मीटर दूर धधक रही थी दारु की भट्टी, पुलिस ने 200 हांडियों को तोड़ा

ढोल-नगाड़े के साथ सभी भक्त नाचते हैं. ऐसी मान्यता है कि अपने पिता के घर से जब बेटी ससुराल जाती है. तब सिंदूर दान करके बेटी को विदा किया जाता है. सुहागिन महिलाएं माता से यह कामना करती हैं कि उनके माथे का सिंदूर भी माता की तरह चमकता रहे.

जमशेदपुर: हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार सिंदूर लगाकर मां दुर्गा को विदाई दी जाती है. विजयादशमी के दिन माता की पूजा करने के बाद उन्हें सिंदूर लगाया जाता है. इस दौरान सभी महिलाएं आपस में एक-दूसरे को सिंदूर लगाती हैं. ऐसी मान्यता है कि विदाई के वक्त माता को सिंदूर लगाकर उन्हें ससुराल के लिए विदा किया जाता है. इसके बाद माता की प्रतिमा को नदी में विसर्जित कर दिया जाता है.

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जमशेदपुर की काली बाड़ी में सिंदूर खेला के साथ महिलाओं ने दुर्गा माता को विदाई दी. बंगाली सुहागिन महिलाएं सिंदूर खेला का आयोजन करती हैं. सबसे पहले मां की प्रतिमा के सामने सिंदूर चढ़ाते हैं. इसके बाद बंगाली महिलाएं एक दूसरे को सिंदूर लगाकर त्योहार की खुशियां मनाती हैं.

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ढोल-नगाड़े के साथ सभी भक्त नाचते हैं. ऐसी मान्यता है कि अपने पिता के घर से जब बेटी ससुराल जाती है. तब सिंदूर दान करके बेटी को विदा किया जाता है. सुहागिन महिलाएं माता से यह कामना करती हैं कि उनके माथे का सिंदूर भी माता की तरह चमकता रहे.

Intro:एंकर-- हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार सिंदूर लगाकर माँ दुर्गा को विदाई दी जाती है. विजयदशमी के दिन माता की पूजा करने के बाद उन्हें सिंदूर लगाया जाता है. इस दौरान सभी महिलाएं आपस में एक दूसरे को सिंदूर लगाती हैं. ऐसी मान्यता है कि विदाई के वक्त माता को सिंदूर लगाकर उन्हें ससुराल के लिए विदा किया जाता है. इसके बाद माता की प्रतिमा को नदी में विसर्जित कर दिया जाता है।


Body:वीओ1--अगले साल मैया फिर से आना जमशेदपुर के कालीबाड़ी में सिंदूर खेला के साथ महिलाओं ने दुर्गा माता को अंतिम विदाई दी. विजयादशमी पर मां दुर्गा को सिंदूर लगाकर विदा किया जाता है .बंगाली सुहागिनी महिलाओं द्वारा सिंदूर खेला का आयोजन किया जाता है. सबसे पहले मां की प्रतिमा के समक्ष सिंदूर चढ़ाते हैं.इसके बाद बंगाली महिलाएं एक दूसरे को सिंदूर लगाकर त्यौहार की खुशियां बांटते हैं.ढोल-नगाड़े के साथ ये सभी नाचते हैं.ऐसी मान्यता है कि अपने पिता के घर से जब बेटी ससुराल जाती है.तब सिंदूर दान करके बेटी को विदा किया जाता है. सुहागिनी महिलाएं माता से यह कामना करती है. उनके माथे का सिंदूर भी माता की तरह चमकता रहे. हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार सिन्दूर सुहाग का प्रतीक है. सुहागिनी महिलाएं एक दूसरे को सिंदूर दान में देती है.


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