जमशेदपुर: जिले के गोपाल मैदान में आयोजित करम महोत्सव में पहुंचे बिहार के ग्रामीण विकास और संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने झारखंड के कुड़मियों को आदिवासी का दर्जा देने की वकालत की है. उन्होंने कहा कि झारखंड में सीएनटी एक्ट लागू है. जिसमें 54 जाति को शामिल किया गया है. इसमें कुड़मी भी एक हैं. इन सब को इंसाफ मिलना चाहिए और इस एक्ट के दायरे में आने वाली सभी जाति को एक समान अधिकार मिलना चाहिए. कुड़मियों को इससे वंचित नहीं किया जाना चाहिए.
ग्रामीण विकास और संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि झारखंड के लोग शुरू से ही प्रकृति के पूजक रहे हैं. पूर्वज जानते थे कि समाज में पेड़-पौधों की संख्या कम होगी, तो इसका खराब असर मानव जीवन पर होगा. इसलिए उन्होंने पौधों को संस्कृति और परंपरा के साथ जोड़ा. यही कारण है कि झारखंड के अधिकतर पर्व त्योहार पेड़-पौधों और नदी से जुड़े रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन से चिंतित है.
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इस मुकाबले के लिए एक ही उपाय है कि हमें पौधों का बचाव करना होगा और इसकी पूजा करनी होगी. अगर ऐसा नहीं हुआ, तो वो दिन दूर नहीं जब पानी के लिए युद्ध छिड़ जाएगा. एक ओर पेड़ों की कटाई और जंगल का सफाया होता जा रहा है. दूसरी ओर अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. अभी समय है अगर हम पौधों की चिंता करें, इसकी पूजा करें तो कई समस्याओं का समाधान हो सकता है.