जमशेदपुरः राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखंड में भूख से लगातार हो रही मौत पर गहरी चिंता प्रकट करते हुए इसे राज्य सरकार के निकम्मेपन का प्रमाण बताया है. उन्होंने मांग की है कि झारखंड में लगातार हुई दो बेटियों की मौत के लिए जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाए.
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पीठ थपथपा रही सरकार
रघुवर दास ने कहा है कि मुख्यमंत्री समाचार माध्यमों के माध्यम से अपनी पीठ रोज थपथपा रहे हैं और डपोरशंखी घोषणाएं कर रहे हैं. लेकिन शासन व्यवस्था इनकी हाथ से दिन प्रतिदिन फिसलती चली जा रही है. लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार को जो चुस्ती और फूर्ति दिखानी चाहिए वह सिर्फ ऊपर-ऊपर तो दिखायी पड़ती है लेकिन वास्तविकता कुछ और है. इसी 3 अप्रैल को रामगढ़ के गोला में संग्रामपुर गांव की 17 वर्षीय दलित उपासो की भूख से मौत हो गई थी. भूख से मौत का यह सिलसिला लगातार जारी है. इस बार लातेहार जिला के मनिका प्रखंड की डोंकी पंचायत के हेसातु गांव में जगलाल भुइयां की पांच वर्षीय पुत्री निम्मी कुमारी की मौत 16 मई को भूख के कारण हो गयी है. उपासो की मौत की तरह निम्मी की मौत की वजह छिपाने की कोशिश चल रही है. कहा जा रहा है कि लू लगने से बच्ची की मौत हुई है, जबकि परिवार वाले इस मौत को भूख से मौत बता रहे हैं.
जानकारी के अनुसार निम्मी के परिवार के पास घर में खाने को एक दाना अनाज नहीं था, दो दिनों से चूल्हा तक नहीं जला था. एक ओर केंद्र सरकार की ओर से गरीबों के लिए समुचित राशन की आपूर्ति की जा रही है, दूसरी ओर राज्य सरकार गरीबों तक राशन पहुंचाने में सक्षम नहीं है जिसके कारण लगातार लोग भूख से मर रहे हैं. रघुवर दास ने कहा कि उपासो और निम्मी की भूख से मौत सामान्य मौत नहीं है. यह एक प्रकार से राज्य सरकार के हाथों झारखंड की बेटियों की हत्या है. सरकार की उदासीनता और लापरवाही का ऐसा नजारा पहले कभी नहीं देखा गया.