जमशेदपुर: स्वच्छता और खुले में शौच की रोकथाम को लेकर लौहनगरी में स्थानीय निकाय जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति के बनाये गए शौचालय इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. आधे से अधिक सार्वजनिक शौचालय में ताले लटके पड़े हैं. ग्रामीण इलाकों में बिना जरूरत के लाखों रुपये की लागत से शौचालय बना दिए गए.
झारखंड राज्य खुले में शौच से मुक्त घोषित हो चुका हैं लेकिन वास्तविकता कुछ अलग है. महानगरों की तर्ज पर बसा शहर लौहनगरी जमशेदपुर अपने कॉस्मोपोलिटन लुक की वजह से झारखंड के सबसे व्यवस्थित और सुविधा से लैस शहरों में अव्वल है. यहां की टाउनशिप में रहने वाले शहरी आवाम को मूलभूत सुविधा टाटा कंपनी की जुस्को और जेएनएसी देती है.
शौचालय की स्थिति बदतर
खुले में शौच रोकने और स्वच्छता को लेकर बड़े शहरों की तर्ज पर शहरी क्षेत्र में 12 अत्याधुनिक मॉड्यूलर टॉयलेट स्थानीय निकाय ने लोगों के इस्तेमाल के लिए लगाए गए थे, लेकिन हाल के दिनों में इन शौचालयों में लगे नल, पानी की टंकी, पंखे यहां तक की दरवाजे पर चोरों ने हाथ साफ कर दिया है. यहां लगे स्वच्छता का संदेश देने वाले बोर्ड को भी असमाजिक तत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दिया है. यहां के मॉड्यूलर शौचालयों की स्थिति भी खराब हो रखी है. मानगो, डिमना रोड से सटे इलाकों में बने सार्वजनिक शौचालय इन दिनों बेकार हो चुके है. इन शौचालयों में ताले ही लटके रहते हैं. कभी-कभार ही इन्हें खोला जाता है. मजबूरन स्थानीय लोगों को खुले में शौच जाना पड़ता है.
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बेवजह बना शौचालय
मानगो, डिमना, स्वर्णरेखा नदी के किनारे, कदमा-सोनारी स्थित मरीन ड्राइव के किनारे बने सार्वजनिक शौचालय में भी ताले लटके पड़े हैं. शहर के मुख्य व्यवसायिक केंद्र साकची, मानगो, एमजीएम अस्पताल के समीप में बने सार्वजनिक मॉड्यूलर टॉयलट, जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति के कार्यलय के पास बने शौचालय में भी ताले लटके पड़े हैं. ऐसे में मानगो स्वास्थ्य केंद्र में काम करने वाले डॉक्टर ने बताया कि जिस मकसद से शौचालय की बनावट की गई थी, इसका मकसद पूरा नहीं हो पाया है.