जमशेदपुर: देश में कोरोना के दूसरे चरण में संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है और मौत का आंकड़ा भी बढ़ रहा है. इसके कारण जनता में कोरोना संक्रमण को लेकर एक डर का माहौल बनता जा रहा है. मानसिक रोग विशेषज्ञ बताते हैं कि वर्तमान हालात में हल्की बीमारी होने पर लोग खुद को कोरोना संक्रमित समझने लगे हैं. लोगों में मानसिक स्थिरता कम देखी जा रही है.
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कोरोना के दूसरे चरण में बढ़ते संक्रमितों की संख्या और मौत के बढ़ते आंकड़ें लगातार देखे जा रहे हैं. हालात यह है कि कोविड मरीजों के लिए अस्पतालों में बेड की कमी देखी जा रही है. अधिकांश शहरों में अस्पतालों में अब ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वर्तमान हालात में आम जनता के बीच एक डर का माहौल बनता जा रहा है. जमशेदपुर सदर अस्पताल के मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक गिरि ने वर्तमान हालात में जनता की मनोस्थिति के संदर्भ में ईटीवी भारत से खास बातचीत में कई महत्वपूर्ण जानकारी दी है.
लोगों में अब कोरोना का डर समाने लगा
डॉ. दीपक गिरि ने बताया कि लोगों में अब कोरोना का डर समाने लगा है. हल्की तबीयत खराब होने पर लोगों के मन में तरह तरह के ख्याल आते हैं कि उन्हें कोरोना हो गया है, जो अब ठीक नहीं हो पाएगा. लोगों में ऑक्सीजन को लेकर मन में कई सवाल खड़े होने लगे हैं, जिसके कारण लोगों में डर और घबराहट देखी जा रही है, नींद की समस्या हो रही है. लोग खुद से दवा लेकर अपना इलाज करना शुरू कर रहे हैं, जिसके कारण सही समय पर सही इलाज ना होने से समस्या उत्पन्न हो रही है. ऐसे में आम जनता को डॉक्टर से सम्पर्क करने कि जरूरत है.
लोगों में बढ़ रहा मानसिक तनाव
डॉ. दीपक गिरि बताते हैं कि वर्क फ्रॉम होम और बाहर घूमने पर पाबंदी के कारण लोगों में मानसिक तनाव देखा जा रहा है. मीडिया अखबारों में लगातार वर्तमान हालात में व्यवस्था की कमी की खबरों से लोग आतंकित हो रहे हैं. सोशल मीडिया, व्हाट्सएप ग्रुप में वायरल खबरों की बिना सत्यता जाने उस पर विश्वास कर रहे है. जबकि ऐसे समय मे व्हाट्सएप और सोशल मीडिया से दूर रहने की जरूरत है.
परिवार के साथ बिताएं वक्त
उन्होंने बताया कि सकारात्मक सोच के साथ अपने परिवार के बीच समय बिताइए. दोस्तों या रिश्तेदारों से फोन पर बाते करें वीडियो कॉल पर बातें करके मन को स्थिर कर सकते हैं. कुछ लोग बातों के जरिए डर का माहौल बना देते हैं, वैसे लोगों के बीच मनोबल बढ़ाने का काम करें. अपनी दैनिक दिनचर्या को बनाए रखें, समय का सदुपयोग करें, नशा करने से बचें. वर्तमान में मानसिक रोग से ग्रसित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. लोगों को बिना घबराए डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत है. घर बैठे गूगल प्ले स्टोर पर ई संजीवनी ओपीडी डाउनलोड कर डॉक्टर से सम्पर्क कर सलाह ले सकते हैं.