जमशेदपुर: पश्चिमी सिंहभूम जिले के गुदड़ी थाना प्रभारी मनोज गुप्ता ने शुक्रवार को कागलनगर स्थित नौलखा अपार्टमेंट के फ्लैट में अपनी पत्नी पूनम गुप्ता, उसके मुंहबोले भाई चंदन कुमार और उसकी मां की गोली मार दी. इस घटना में चंदन की मां की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी पूनम गुप्ता और चंदन कुमार की स्थिति गंभीर बनी हुई है.
आरोपी थाना प्रभारी को एसपी इंद्रजीत माहथा ने 22 जुलाई को ही निलंबित कर दिया था. उनकी गिरफ्तारी के लिए चक्रधरपुर एसडीपीओ और सोनुआ थाना प्रभारी के नेतृत्व में टीम गठित की थी. लेकिन गिरफ्तारी से पहले ही वे बिना किसी आवेदन के फरार हो गए थे.
समझौता करने के लिए पत्नी को बुलाया था
मनोज गुप्ता की बेटी ने बताया कि केस करने के बाद वह और उसकी मां पूनम गुप्ता पटना अपने भाई के पास चली गई थी. लेकिन पुलिस विभाग के कुछ अधिकारियों के दबाव में वह शुक्रवार को चंदन और उसकी मां सीमा देवी के साथ जमशेदपुर आई थी. उसी बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया. इसे लेकर मनोज गुप्ता कमरे में गए और सर्विस रिवाल्वर निकालकर फायर कर दिया. तीनों को आनन-फानन में अस्पताल लाया गया, जहां सीमा देवी को डॉक्टरों नें मृत घोषित कर दिया.
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सीसीटीवी मे कैद हुई तस्वीर
सब इंस्पेक्टर मनोज गुप्ता सोनारी के नौलक्खा अपार्टमेंट में तीसरे तल्ले में रहते थे. घटना को अंजाम देने के बाद मनोज दरवाजा खोल कर जल्दवाजी में सीढ़ी से नीचे उतर कर भागे. इसी दौरान लिफ्ट के बगल में खड़े दो व्यक्तियों ने उन्हे आश्चर्य से देखा. एक व्यक्ति ने उनसे कुछ पूछना भी चाहा, लेकिन मनोज किसी को कुछ बताए बगैर वहां से भाग निकले. यह दृश्य अपार्टमेंट में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया.
पूनम गुप्ता ने चौथी बार कराया था मामला दर्ज
सब इस्पेक्टर मनोज गुप्ता का अपनी पत्नी सहित बच्चों के साथ भी व्यवहार अच्छा नहीं था. वे बेवजह बच्चों के सामने ही पत्नी को मारा-पीटा करते थे. कई बार अपने सर्विस रिवाल्वर से मनोज गुप्ता ने अपने बेटी को भी मारने की धमकी दी थी. परिजनों ने बताया कि वे तीन बार मनोज गुप्ता की शिकायत करने थाने जा चुके हैं लेकिन चौथी बार जब उसने घटना को अंजाम दिया तो सोनारी थाना में मामला दर्ज कर पूनम गुप्ता पटना चली गई थी.
एसपी ने 22 जुलाई को ही किया था निलंबित
बताया जाता है कि सब इंस्पेक्टर मनोज गुप्ता की पत्नी पुनम गुप्ता के साथ कई सालों से अनबन चल रहा था और दोनों के बीच मामला न्यायालय में था. मामले को लेकर न्यायालय द्वारा मनोज के गिरफ्तारी का वारंट भी निकल चुका था. गिरफ्तारी नहीं होने के कारण कोर्ट ने उसके घर की कुर्की जब्ती करने का आदेश भी जारी किया था.
उसके बाद पश्चिम सिंहभूम के एसपी इंद्रजीत माहथा को 22 जुलाई को पूर्वी सिंहभूम जिला से वारंट प्राप्त हुआ था. पत्र प्राप्त होते ही चाईबासा एसपी ने मनोज गुप्ता को निलबिंत कर दिया था. उनकी गिरफ्तारी के लिए चक्रधरपुर एसडीपीओ और सोनुआ थाना प्रभारी के नेतृत्व में टीम गठित की गई थी लेकिन गिरफ्तारी से पहले ही वे बिना किसी आवेदन के फरार हो गए थे.