जमशेदपुर: श्रम कानून में संशोधन के खिलाफ देशभर के मान्यता प्राप्त केंद्रीय श्रम संगठनों ने बुधवार को राष्ट्रीय विरोध दिवस के रूप में मनाया. बुधवार को इंटक, सीटू, एटक एकटु एचएमएस आईयूटीयूसी जैसे केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने केंद्र सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया.
जमशेदपुर के साकची स्थित गोल चक्कर पर प्रदर्शन के दौरान उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर हमला बोला. वहीं, अंबुज ठाकुर ने बताया कि केंद्र सरकार की नीतियों के कारण कोल्हान में भी नियोक्ता तालाबंदी, छटनी, अनिवार्य सेवानिवृत्ति, वेतन कटौती, डीए फ्रीज, पीएफ विसंगतियां, काम के घंटे में वृद्धि जैसे कई मजदूर विरोधी कानून बनाकर असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का शोषण कर रहे हैं. जल्दबाजी के साथ संसद में पारित किए गए श्रम कानून के कारण 74 फीसदी से अधिक औद्योगिक श्रमिक और 70 फीसदी औद्योगिक प्रतिष्ठानों में मजदूरों के कानूनी अधिकार सामाजिक न्याय और सामाजिक सुरक्षा को रौंदे जाने का आरोप उन्होंने लगाया.
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वहीं, कृषि बिल के संबंध में उन्होंने बताया कि यह भी एक कला कानून है. इसके माध्यम से केंद्र सरकार अपने कॉरपोरेट आकाओं को संतुष्ट करने के लिए मजदूर और किसान दोनों को कॉरपोरेट का गुलाम बनाने में लगी हुई है. मजदूर और किसान ही वास्तव में देश के लिए जीडीपी का उत्पादन करते हैं. प्रदर्शन कर रहे संगठनों ने साफ कर दिया है कि अब हर स्तर पर केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध किया जाएगा, जिसका शंखनाद कोल्हान से शुरु हो चुका है.