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पत्थलगड़ी मामले में केस वापस लेने का फैसला जल्दबाजी, पूरे मामले की होनी चाहिए थी जांच: सरयू राय - pathalgadi case in jharkhand

जमशेदपुर पूर्वी के निर्दलीय विधायक सरयू राय का मानना है कि पत्थलगड़ी मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा केस वापसी किए जाने की घोषणा जल्दबाजी में लिया गया फैसला है.

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विधायक सरयू राय
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Published : Jan 24, 2020, 11:35 PM IST

जमशेदपुर: जमशेदपुर पूर्वी के निर्दलीय विधायक सरयू राय का मानना है कि पत्थलगड़ी मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा केस वापसी किए जाने की घोषणा जल्दबाजी में लिया गया फैसला है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के फैसले लेने के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पूरे मामले की जांच करा लेनी चाहिए. उसके बाद ही कुछ निर्णय लेना चाहिए. क्योंकि सीधे केस वापसी की घोषणा से कानून तोड़ने वाले लोगों की हिम्मत बढ़ती है.

देखिए पूरी खबर

उन्होंने कहा कि सरकार के कह देने से केस वापस नहीं हो जाता है. सरकार की घोषणा के साथ ही मामला कोर्ट में जाएगा. सरकार की घोषणा के बाद भी इस मामले में जो भी अंतिम निर्णय लेना है वह कोर्ट को ही लेना है. उन्होंने कहा कि आरोपियों के केस वापसी की घोषणा के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पूरे मामले की जांच करानी चाहिए. मामले में जो भी दोषी है उस पर कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए, जो निर्दोष है उसे बरी कर देना चाहिए.

ये भी पढ़ें: आजीवन कारावास की सजा काट रहे 4 कैदियों को मिली आजादी, रिहा होते ही कहा- करेंगे नई शुरुआत
सरयू राय ने कहा कि इस प्रकार की समस्या का समाधान बलपूर्वक नहीं किया जा सकता है. बलपूर्वक समस्या दबाने से चिंगारी तो बची रहती है और जिसका परिणाम चाईबासा की घटना होती है. उन्होंने कहा कि हमें इसके लिए समाधान खोजने की जरूरत है. आखिर लोगों को हमारे संविधान में भरोसा क्यों नहीं है. उनकी मनोवृति को हमें समझना होगा तभी समस्या का समाधान हो सकता है.

जमशेदपुर: जमशेदपुर पूर्वी के निर्दलीय विधायक सरयू राय का मानना है कि पत्थलगड़ी मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा केस वापसी किए जाने की घोषणा जल्दबाजी में लिया गया फैसला है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के फैसले लेने के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पूरे मामले की जांच करा लेनी चाहिए. उसके बाद ही कुछ निर्णय लेना चाहिए. क्योंकि सीधे केस वापसी की घोषणा से कानून तोड़ने वाले लोगों की हिम्मत बढ़ती है.

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उन्होंने कहा कि सरकार के कह देने से केस वापस नहीं हो जाता है. सरकार की घोषणा के साथ ही मामला कोर्ट में जाएगा. सरकार की घोषणा के बाद भी इस मामले में जो भी अंतिम निर्णय लेना है वह कोर्ट को ही लेना है. उन्होंने कहा कि आरोपियों के केस वापसी की घोषणा के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पूरे मामले की जांच करानी चाहिए. मामले में जो भी दोषी है उस पर कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए, जो निर्दोष है उसे बरी कर देना चाहिए.

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सरयू राय ने कहा कि इस प्रकार की समस्या का समाधान बलपूर्वक नहीं किया जा सकता है. बलपूर्वक समस्या दबाने से चिंगारी तो बची रहती है और जिसका परिणाम चाईबासा की घटना होती है. उन्होंने कहा कि हमें इसके लिए समाधान खोजने की जरूरत है. आखिर लोगों को हमारे संविधान में भरोसा क्यों नहीं है. उनकी मनोवृति को हमें समझना होगा तभी समस्या का समाधान हो सकता है.

Intro:जमशेदपुर। जमशेदपुर पूर्वी के निर्दलीय विधायक सरयू राय का मानना है कि खूंटी के पुत्र घड़ी के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा केस वापसी किए जाने की घोषणा जल्दबाजी में लिया गया फैसला है ।उन्होंने कहा कि इस प्रकार के फैसले लेने के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पूरे मामले की जांच करा लेनी चाहिए। और उसके उपरांत ही कुछ निर्णय लेना चाहिए। क्योंकि सीधे केस वापसी की घोषणा से कानून तोड़ने वाले लोगों की हिम्मत बढ़ती है। और जिसका परिणाम चाईबासा के गुदरी नरसंहार जैसी घटना सामने आती है। वे जमशेदपुर में अपने आवास में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।


Body:उन्होंने कहा कि सरकार के कह देने से केस वापस नहीं हो जाता है. सरकार की घोषणा के साथ ही मामला कोर्ट में जाएगा सरकार के पीपी तो कोर्ट में जाकर कह देंगे कि हम केस वापस ले रहे हैं । सरकार की घोषणा के बाद भी इस मामले में जो भी अंतिम निर्णय लेना है वह कोर्ट को ही लेना है।
उन्होंने कहा कि आरोपियों के केस वापसी की घोषणा के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पूरे मामले की जांच करानी चाहिए ।मामले में जो भी दोषी है उस पर कानूनी कार्रवाई करना चाहिए। जो निर्दोष है उसे बरी कर देना चाहिए। सरयू राय ने कहा कि इस प्रकार की समस्या का समाधान बलपूर्वक नहीं किया जा सकता है। बलपूर्वक समस्या दबाने से चिंगारी तो बची रहती है और जिसका परिणाम इस प्रकार की घटना होती है। उन्होंने कहा कि हमें इसके लिए समाधान खोजने की जरूरत है। आखिर लोगों को हमारे संविधान में भरोसा क्यों नहीं है उनकी मनोवृति को हमें समझना होगा। तभी समस्या का समाधान हो सकता है। हालांकि अभी तक इस पर किसी ने भी पहल नहीं किया है।
बाईट - सरयू राय , निर्दलीय विधायक जमशेदपुर पूर्वी


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