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30 अप्रैल को रांची के मोरहाबादी मैदान में आदिवासियों की महारैली, संथाली भाषा को प्रथम राजभाषा का दर्जा देने की मांग

जमशेदपुर में संथाली भाषा को प्रथम राजभाषा का दर्जा दिलाने के लिए रणनीति बनाई गई है. 30 अप्रैल को रांची के मोरहाबादी मैदान में इसको लेकर एक महारैली का आयोजन किया जाएगा. जिसमें पांच राज्यों के साथ नेपाल भूटान और बांग्लादेश के लाखों संथाल प्रेमी शिरकत करेंगे.

Mass rally of tribals at Morhabadi Maidan in Ranchi
सालखन मुर्मू
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Published : Apr 10, 2022, 12:50 PM IST

Updated : Apr 10, 2022, 2:42 PM IST

जमशेदपुर: जिले में आदिवासी सेंगेल अभियान के नेता सह पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने संथाली राजभाषा को प्रथम राजभाषा का दर्जा दिलाने और आदिवासी स्वशासन व्यवस्था में सुधार के लिए रणनीति बनाई है. उन्होंने बताया कि 30 अप्रैल को रांची के मोरहाबादी मैदान मेंं संथाली भाषा से जुड़े लाखों लोग एकत्र होकर अपनी मांग उठाएंगे. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में देश के पांच राज्यों के अलावा नेपाल और बांग्लादेश के संथाल प्रेमी भी पहुंचेंगे.

ये भी पढे़ं:- धनबादः संथाली समाज ने किया नगर भ्रमण, संथाली भाषा को प्राथमिकता देने की मांग

संथाल को राजभाषा के दर्जे की मांग: आदिवासी सेंगेल अभियान के प्रमुख सालखन मुर्मू ने बताया कि लगातार आंदोलन के बाद भी संथाली भाषा को झारखंड में अब तक प्रथम राजभाषा का दर्जा प्राप्त नहीं हुआ है. ऐसे में सरकार पर दबाव बनाने के लिए 30 अप्रैल 2022 के दिन रांची मोहराबादी मैदान में महारैली का आयोजन किया गया है. जिसमें झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी आमंत्रित किया गया है. इसके अलावा पांच राज्य बिहार बंगाल ओडिसा असम और झारखंड के संथाली एमपी एमएलए भी महारैली में शिरकत करेंगे.

देखें वीडियो

राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को लिखा गया पत्र: सालखन मुर्मू ने बताया कि आदिवासी समाज मे पुरानी स्वशासन व्यवस्था के कारण आदिवासियों का उत्थान नही हो पा रहा है. जिसके कारण कई कुरीतियां समाज पर हावी है. इस व्यवस्था में सुधार लाने के लिए देश के राष्ट्रपति प्रधानमंत्री गृहमंत्री के अलावा पांच राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया है और मांग की गई है कि आदिवासी स्वशासन व्यवस्था में बदलाव किया जाए. जिससे आदिवासियों को संवैधानिक अधिकार मिल सके.

जमशेदपुर: जिले में आदिवासी सेंगेल अभियान के नेता सह पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने संथाली राजभाषा को प्रथम राजभाषा का दर्जा दिलाने और आदिवासी स्वशासन व्यवस्था में सुधार के लिए रणनीति बनाई है. उन्होंने बताया कि 30 अप्रैल को रांची के मोरहाबादी मैदान मेंं संथाली भाषा से जुड़े लाखों लोग एकत्र होकर अपनी मांग उठाएंगे. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में देश के पांच राज्यों के अलावा नेपाल और बांग्लादेश के संथाल प्रेमी भी पहुंचेंगे.

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संथाल को राजभाषा के दर्जे की मांग: आदिवासी सेंगेल अभियान के प्रमुख सालखन मुर्मू ने बताया कि लगातार आंदोलन के बाद भी संथाली भाषा को झारखंड में अब तक प्रथम राजभाषा का दर्जा प्राप्त नहीं हुआ है. ऐसे में सरकार पर दबाव बनाने के लिए 30 अप्रैल 2022 के दिन रांची मोहराबादी मैदान में महारैली का आयोजन किया गया है. जिसमें झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी आमंत्रित किया गया है. इसके अलावा पांच राज्य बिहार बंगाल ओडिसा असम और झारखंड के संथाली एमपी एमएलए भी महारैली में शिरकत करेंगे.

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राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को लिखा गया पत्र: सालखन मुर्मू ने बताया कि आदिवासी समाज मे पुरानी स्वशासन व्यवस्था के कारण आदिवासियों का उत्थान नही हो पा रहा है. जिसके कारण कई कुरीतियां समाज पर हावी है. इस व्यवस्था में सुधार लाने के लिए देश के राष्ट्रपति प्रधानमंत्री गृहमंत्री के अलावा पांच राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया है और मांग की गई है कि आदिवासी स्वशासन व्यवस्था में बदलाव किया जाए. जिससे आदिवासियों को संवैधानिक अधिकार मिल सके.

Last Updated : Apr 10, 2022, 2:42 PM IST
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