जमशेदपुर: शहर में आए दिन कोरोना के नए मरीज मिल रहे हैं. इसपर रोक लगाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. जमशेदपुर के एमजीएम कॉलेज में कोविड-19 संक्रमण के सैंपल की जांच के लिए अमेरिका से मैग्ना एलसी प्योर 2.0 मशीन मंगाया गया है. झारखंड में एमजीएम पहला कॉलेज हैं जहां नई तकनीकी के सहारे कोरोना की जांच की जा रही है.
जमशेदपुर के महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज के वायरोलॉजी विभाग में हर दिन पांच सौ सैंपल की जांच की जाती है, जिसमें लगभग छह से सात घंटे तक का समय लगता है, लेकिन कॉलेज में मैग्ना एल सी मशीन के उपयोग में आने से कोरोना सैंपल की जांच प्रक्रिया में तेजी आएगी. कॉलेज में कोरोना की जांच पहले मैनुअल तरीके से की जा रही थी. कोरोना टेस्ट सैंपल को पूरी तरह से प्रोसेस होने में छह से सात घंटे का समय लगता है. सभी टेस्ट बैच के मुताबिक किए जाते हैं. एक साथ पांच से छह सौ लोगों के टेस्ट किए जाता है. रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमर चेन रिएक्शन के जरिये यह टेस्ट किए जाते हैं, जिसके बाद पीसीआर मशीन में सभी टेस्ट को मिक्सिंग किया जाता है. वीटीएम यानी वायरल ट्रांसपोर्ट मीडिया में टेस्ट की जाती है. इतने समय में हर दिन 500 कोरोना के सैंपल की जांच की जाती है.
एमजीएम में होगी अमेरिका जैसी जांच
एमजीएम कॉलेज के प्राचार्य के मुताबिक रोशे की जांच मशीन कोवीड-19 संक्रमण के लिए बहुत विश्वसनीय है, इससे कोरोना की जांच में तेजी आएगी यह मशीन मुख्य तौर पर कोरोना संक्रमण के जांच में आरएनए और पीसीआर की जांच में अहम भूमिका निभाता है, यह मशीन ऑटोमेटिक तरीके से काम करेगी, इस मशीन का काम आरएनए को एक्सट्रेक्ट करना होता है, जिससे कोरोना के जांच में समय की बचत होती है.
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जांच में आएगी तेजी
एमजीएम कॉलेज में इस मशीन के आने से कोरोना के सैंपल की जांच में तेजी आएगी. कॉलेज प्राचार्य के ने बताया कि मैग्ना एलसी मशीन से हर दिन दो हजार से अधिक सैंपल की जांच की जा सकती है, इस मशीन के उपयोग से 8 घंटे की शिफ्ट में 384 टेस्ट और 12 घंटे में छह सौ से ज्यादा टेस्ट करने में कॉलेज सक्षम है. पूरी दुनिया इस वक्त एकजुट होकर कोरोना को मात देने में जुटी हुई है. अमेरिका के स्विस फॉर्म रोशे डायग्नोस्टिक कंपनी ने कोरोना के सैंपल की जांच में तेजी लाने के लिए नई मशीन बनाई है.