ETV Bharat / city

घाटशिला मामले की जांच शुरू, डॉक्टर ने दी थी महिला को पुरुष गर्भ निरोधक इस्तेमाल करने की सलाह

पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला का मामला सदन में उठने के बाद इसकी जांच शुरू कर दी गई है. बता दें कि एक महिला को पेट दर्द की शिकायत पर डॉक्टर ने पुरुष गर्भ निरोधक इस्तेमाल करने की सलाह दी थी.

पूछताछ करते जांच टीम के सदस्य
author img

By

Published : Jul 28, 2019, 10:10 AM IST

घाटशिला/पूर्वी सिंहभूम: अनुमंडल अस्पताल के चिकित्सक डॉ. अशरफ बदर द्वारा पेट दर्द की शिकायत पर एक महिला को दवा के बजाए पुरुष गर्भ निरोधक का इस्तेमाल करने की सलाह देने के विवादित मामले की जांच शुरू हो गई है. मामला विधानसभा में उठने के बाद प्रशासन ने जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया था.

देखें पूरी खबर

जांच टीम ने शनिवार को अस्पताल जाकर हर पहलु की जांच की. टीम के सदस्यों ने पीड़ित महिला कर्मचारी, फार्मासिस्ट, आरोपित डाक्टर और प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से अलग-अलग पूछताछ की. सभी लोगों का बयान दर्ज करने के बाद अस्पताल के आउटडोर पेसेंट पंजीकरण रजिस्टर, डॉक्टर ड्यूटी चार्ट, आपातकालीन वार्ड के रजिस्टर, दवा वितरण पंजी समेत अन्य अभिलेखों की जांच की.

ये भी पढ़ें- स्लम बस्ती के बच्चों संग मंत्री सरयू राय ने बिताया समय, कहा- पढ़ने से ही हासिल होंगे सपने

डॉक्टर ने कहा, मुझे फंसाने की साजिश
इधर, डॉ. अशरफ बदर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि पर्ची पर न तो रजिस्ट्रेशन नंबर है और न ही ओपीडी के रजिस्टर में मरीज का नाम दर्ज है. अगर महिला का इलाज किया जाता तो ओपीडी के रजिस्टर में उसका नाम दर्ज होता.

क्या है मामला ?
शिकायत के अनुसार 23 जुलाई को अस्पताल में कार्यरत 55 वर्षीय चतुर्थ वर्गीय महिला कर्मचारी ओपीडी के चिकित्सक से इलाज के लिए मिली. डॉक्टर ने पर्ची पर दवा के जगह निरोध का इस्तेमाल करने की बात कही. दवा दुकान जाने पर महिला को जब यह जानकारी हुई तो उसने इसकी लिखित शिकायत की. इसके साथ ही उसे शर्मिंदगी झेलने के लिए विवश करने के लिए डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की.

घाटशिला/पूर्वी सिंहभूम: अनुमंडल अस्पताल के चिकित्सक डॉ. अशरफ बदर द्वारा पेट दर्द की शिकायत पर एक महिला को दवा के बजाए पुरुष गर्भ निरोधक का इस्तेमाल करने की सलाह देने के विवादित मामले की जांच शुरू हो गई है. मामला विधानसभा में उठने के बाद प्रशासन ने जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया था.

देखें पूरी खबर

जांच टीम ने शनिवार को अस्पताल जाकर हर पहलु की जांच की. टीम के सदस्यों ने पीड़ित महिला कर्मचारी, फार्मासिस्ट, आरोपित डाक्टर और प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से अलग-अलग पूछताछ की. सभी लोगों का बयान दर्ज करने के बाद अस्पताल के आउटडोर पेसेंट पंजीकरण रजिस्टर, डॉक्टर ड्यूटी चार्ट, आपातकालीन वार्ड के रजिस्टर, दवा वितरण पंजी समेत अन्य अभिलेखों की जांच की.

ये भी पढ़ें- स्लम बस्ती के बच्चों संग मंत्री सरयू राय ने बिताया समय, कहा- पढ़ने से ही हासिल होंगे सपने

डॉक्टर ने कहा, मुझे फंसाने की साजिश
इधर, डॉ. अशरफ बदर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि पर्ची पर न तो रजिस्ट्रेशन नंबर है और न ही ओपीडी के रजिस्टर में मरीज का नाम दर्ज है. अगर महिला का इलाज किया जाता तो ओपीडी के रजिस्टर में उसका नाम दर्ज होता.

क्या है मामला ?
शिकायत के अनुसार 23 जुलाई को अस्पताल में कार्यरत 55 वर्षीय चतुर्थ वर्गीय महिला कर्मचारी ओपीडी के चिकित्सक से इलाज के लिए मिली. डॉक्टर ने पर्ची पर दवा के जगह निरोध का इस्तेमाल करने की बात कही. दवा दुकान जाने पर महिला को जब यह जानकारी हुई तो उसने इसकी लिखित शिकायत की. इसके साथ ही उसे शर्मिंदगी झेलने के लिए विवश करने के लिए डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की.

Intro:Next fileBody:Next fileConclusion:Next file
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.