जमशेदपुर: लौहनगरी में ज्यादातर स्कूल और कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राएं इसका शिकार बन रही है. ज्यादातर मामलों में यह देखा गया है कि पारिवारिक मान-मर्यादा को लेकर परिजनों से खुलकर बात नहीं कर पाती है, जिस कारण मनचलों पर बंदिश नहीं लग रही है.
साइबर थाने में आए मामलों के अनुसार 2018 में कुल 115 मामले ऐसे हैं जिसमें सोशल मीडिया पर किसी न किसी तरीके से युवतियों और महिलाओं को परेशान किया गया है. वहीं साल 2019 में जून महीने तक ऐसे 52 मामले आ चुके हैं. वहीं जुलाई महीने के दूसरे हफ्ते तक 8 मामले आ चुके हैं. इन मामलों में ज्यादातर ऐसा देखा गया है कि प्यार में अलग होने के बाद प्रेमी के द्वारा प्रेमिका को बदनाम करने के लिए ऐसा किया जाता है.
साइबर विशेषज्ञ का कहना है कि धारा 354 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई जा सकती है. मामले को साइबर अपराध के सूची में रखा गया है. इसके तहत अलग-अलग मामले का सजा का भी प्रवधान किया गया है.
लौहनगरी की बेटियां नहीं हैं सुरक्षित
लौहनगरी की बेटियां सोशल साइट पर अपने आप को सुरक्षित नहीं महसूस कर पा रही है. इनका मानना है कि अकाउंट हैक कर उसका गलत इस्तेमाल किया जाता है. फोटो और वीडियो के साथ छेड़-छाड़ की जाती है. जिससे इन्हें डर लगने लगा है. घर वालों के सामने भी अपनी समस्या को नहीं रख पाती है.
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बहरहाल लौहनगरी की बेटियों को सोशल साइट से डर लगने लगा है. बदलते जमाने के परिवेश के साथ ही बदलाव तो हो रहा है, लेकिन इससे कहीं-ना कहीं लोग भयभीत भी हो रहे हैं.