जमशेदपुर: कोरोना का पहली लहर के आते ही देशभर में इसे रोकने के उद्देश्य से 23 मार्च को संपूर्ण लाॅकडाउन की घोषणा की गई. कोरोना का असर जब अगस्त के बाद धीरे-धीरे कम होने लगा, तो ऑनलॉक (Unlock) की प्रक्रिया के तहत कुछ कार्य शुरू किए गए, लेकिन जनवरी महीने से कोरोना की दूसरी लहर ने एक बार फिर लोगों की कार्यशैली को धीमा कर दिया. झारखंड भी इससे अछूता नहीं रहा. राज्य सरकार ने भी लाॅकडाउन लगाया, जिससे निर्माण क्षेत्र के कारोबार भी बुरी तरह से प्रभावित हुए.
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निर्माण क्षेत्र को भारी नुकसान
निर्माण क्षेत्र में एक हजार करोड़ से ज्यादा का कारोबार प्रभावित हुआ है. नया कोई भी प्रोजेक्ट नहीं मिल पाया है. जबकि इस क्षेत्र में बुकिंग भी न के बराबर हुई है. शहर के नामी गिरामी बिल्डर कौशल सिंह ने बताया कि वो इस सेक्टर में कई दिनोंं से काम कर रहे हैं. पिछले एक साल से लाॅकडाउन के कारण उन लोगों को आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ रहा है. पहले लाॅकडाउन में कर्मचारियों को बैठाकर वेतन देना पड़ा है. बीते अगस्त और सितबंर में स्थिति अच्छी होने पर कुछ कामों की शुरूआत भी हुई, लेकिन फिर जनवरी में हालात बेकाबू होने से वही हालात हो गए. राज्य सरकार या केंद्र सरकार से कोई रिबेट नहीं मिला है. उन्होंने बताया कि यहीं नहीं, कई स्केल क्लास के लोग जो लाॅकडाउन में वापस घर लौटे, उन्हें भी उन्होंने रोजगार दिया है. हालांकि बड़े-बड़े शहरों की तर्ज पर वे उन्हें पैसे नहीं दे पा रहे हैं. राज्य सरकार इस पैंडेमिक(Pandemic) में उन लोगों को कुछ राहत दे, तो प्रवासियों मजदूरों के लिए अच्छा रोजगार का साधन हो सकता है.
सामानों के मूल्यों में बेतहाशा वृद्धि
लाॅकडाउन के बाद निर्माण क्षेत्र में उपयोग होने वाले सामानों में बेतहाशा वृद्धि हो गई है. ईंट से लेकर सरिये तक की कीमत दोगुनी हो गई है. वहीं राज्य सरकार की ओर से बालू पर रोक लगाए जाने से मनचाहा कीमतों में बालू बिक रहा है, क्योंकि बालू दूसरे राज्यों से मंगाया जाता है और दूसरे राज्यों से आने के कारण बालू की कीमत बढ़ जाती है. दूसरी ओर सीमेंट की कीमत लगातार बढ़ रही है. बीते 1 साल से फ्लैट्स की कीमतों में भी बढ़ोतरी नहीं हुई है, बल्कि बिल्डरों ने तो फ्लैट की कीमतों को घटाकर बेचना शुरू कर दिया है.
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बिल्डर रविन्द्र झा ने हालातों की दी जानकारी
इस सबंध में बिल्डर रविन्द्र झा कहते हैं कि लाॅकडाउन तो सभी व्यावासायिक गतिविधियों के लिए बुरा रहा. लेकिन निर्माण कार्य ज्यादा प्रभावित हुआ है. उन्होंने बताया कि अभी तक सरकार ने राहत के लिए कोई घोषणा नहीं की है, बल्कि किसी न किसी बहाने टैक्स लिया जा रहा है. रजिस्ट्री के मूल्यों में बेतहाशा वृद्धि होने से भी व्यवसाय प्रभावित हो रहा है. कम दरों में फ्लैट बेचे जाते हैं और हमारी रजिस्ट्री फीस करीब दोगुनी लगती है. सरकार को इस पर भी ध्यान देना चाहिए और इस मामले को लेकर हमारा प्रतिनिधिमंडल जल्द मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिल कर समस्या के समाधान की मांग करेगा.
राजस्व को नुकसान
वहीं, इसका असर सरकार के राजस्व पर भी हो रहा है. नए निर्माण के लिए नक्शे पास के लिए आवेदन भी नहीं आ रहे हैं, जिससे राजस्व को भी नुकसान हो रहा है. इस सबंध में जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति के विशेष पदाधिकारी कृष्णा कुमार ने बताया कि कोविड-19 के सक्र॔मण को रोकने के लिए सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के कारण कई काम बंद हैं. इसका असर निर्माण क्षेत्र में भी हुआ है. आशा है कि आने वाले दिनों में धीरे धीरे सारी स्थिति सामान्य होगी और सरकार को एक बार फिर राजस्व प्राप्त होने लगेगा.