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लॉकडाउन के दौरान पशुओं के हो रही दिक्कत, चार युवक करा रहे चारा का इंतजाम - लॉकडाउन के दौरान पशुओं के हो रही दिक्कत

लॉकडाउन के दौरान इंसान के साथ-साथ पशुओं के लिए खाने-पीने की दिक्कत हो रही है. इसे देखते हुए जमशेदपुर के चार युवाओं की टीम सड़कों पर घूम-घूमकर उन पशुओं के लिए चारा उपलब्ध करा रहे हैं. बकायदा इसके लिए वे लोग एक नाद (पशुओं का खाने का बर्तन) और चारा लेकर सड़कों पर निकलते हैं और जहां भी उन्हें गाय या बैल सड़कों पर मिलते हैं तो उन्हें वे खाना खिलाते हैं.

पशुओं को चारा खिलाते युवक
पशुओं को चारा खिलाते युवक
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Published : Apr 8, 2020, 5:20 PM IST

जमशेदपुर: 21 दिनों के लाॅकडाउन होने के बाद आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए कई स्वंयसेवी संस्था काम कर रहे है. जिला प्रशासन के साथ-साथ स्वंयसेवी संस्थानों के दावों की बात करें तो उन्हे भोजन मिल भी रहा है. वहीं दूसरी ओर इस लाॅकडाउन से पशु- पक्षी भी अछूते नहीं हैं.

देखें पूरी खबर

हालांकि जिला प्रशासन ने इनके लिए हेल्पलाईन खोलकर इनकी परेशानी को कम करने की कोशिश की है. लेकिन फिर कई पशु को भूखे रहना पड़ रहा है. वहीं मानगो के चार युवाओं की टीम सड़कों पर घूम-घूमकर उन पशुओं के लिए चारा उपलब्ध करा रहे हैं. बकायदा इसके लिए वे लोग एक नाद (पशुओं का खाने का बर्तन) और चारा लेकर सड़कों पर निकलते हैं और जहां भी उन्हें गाय या बैल सड़कों पर मिलते हैं तो उन्हें वे खाना खिलाते हैं.


ये भी पढें- झारखंड में कोराना के 4 मरीज, देश भर में अब तक 149 लोगों की मौत

इस सबंध में टीम के लड़कों ने कहा है कि जरूरतमंदों लोगों को तो भोजन उपलब्ध हो जा रहा है. लेकिन गाय और बैल सड़कों पर भूखे रह जाते थे, इसके बाद हम दोस्तों की टीम ने फैसला लिया कि क्यों न सड़कों के गाय और बैल को खाना खिलाया जाए. उसके बाद नाद के साथ कुटी, चोकर और पानी लेकर निकाला और जहां जहां गाय और बैल देखा जाता है वहां रुककर उन्हें खाना खिलाया जाता है.

जमशेदपुर: 21 दिनों के लाॅकडाउन होने के बाद आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए कई स्वंयसेवी संस्था काम कर रहे है. जिला प्रशासन के साथ-साथ स्वंयसेवी संस्थानों के दावों की बात करें तो उन्हे भोजन मिल भी रहा है. वहीं दूसरी ओर इस लाॅकडाउन से पशु- पक्षी भी अछूते नहीं हैं.

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हालांकि जिला प्रशासन ने इनके लिए हेल्पलाईन खोलकर इनकी परेशानी को कम करने की कोशिश की है. लेकिन फिर कई पशु को भूखे रहना पड़ रहा है. वहीं मानगो के चार युवाओं की टीम सड़कों पर घूम-घूमकर उन पशुओं के लिए चारा उपलब्ध करा रहे हैं. बकायदा इसके लिए वे लोग एक नाद (पशुओं का खाने का बर्तन) और चारा लेकर सड़कों पर निकलते हैं और जहां भी उन्हें गाय या बैल सड़कों पर मिलते हैं तो उन्हें वे खाना खिलाते हैं.


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