जमशेदपुर: परसुडीह थाना क्षेत्र अंतर्गत प्रमथ नगर में रहने वाले प. सिंहभूम जिले के पूर्व सिविल सर्जन फकीर चंद्र हेंब्रम को चाईबासा सदर थाना की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पूर्व सिविल सर्जन फकीर चंद्र हेंब्रम पर कर्मचारियों की बहाली में अनियमितता बरतने (irregularities in recruitment in west singhbhum) का आरोप लगा है.
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क्या है पूरा मामला
बताया जा रहा है कि प. सिंहभूम जिले में वर्ष 2005 में सिविल सर्जन के पद पर रहे फकीर चंद्र हेंब्रम के खिलाफ बहाली में अनियमितता के मामले में बीते साल वर्तमान सिविल सर्जन डॉ. ओपी गुप्ता के बयान पर मामला दर्ज कराया गया था. जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की थी. इस मामले की जांच एसडीपीओ अमर कुमार पांडेय कर रहे थे. इस मामले में चाईबासा सदर थाना की पुलिस जमशेदपुर में परसूडीह पहुंची और प्रमथनगर स्थित पूर्व सिविल सर्जन फकीर चंद्र हेम्ब्रम के आवास से उन्हें गिरफ्तार कर चाईबासा ले गई.
प. सिंहभूम में फार्मासिस्ट भर्ती
पूर्व सिविल सर्जन पर साल 2005 में पश्चिमी सिंहभूम जिले में आरक्षण रोस्टर का अनुपालन किए बगैर फर्जी मेधा सूची के आधार पर 12 फार्मासिस्ट (Pharmacist Recruitment in west Singhbhum) की अवैध तरीके से नियुक्ति कर दी गई थी. जिसमें 20 पद के खिलाफ 12 सामान्य श्रेणी के वैसे अभ्यर्थी जिनका नाम चयन सूची में नहीं था, उनका भी चयन कर लिया गया था. जिसके तहत लैब टेक्नीशियन के 6 स्वीकृत पद पर 4 चयन सूची के अलावा 2 अभ्यर्थी की नियुक्ति फर्जी मेधा सूची तैयार कर अनुसूचित जनजाति के लिए चिन्हित आरक्षित पद के खिलाफ किया गया था. मेधा सूची और आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं किया गया था. पूरे मामले में क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता बुधराम लागुरी द्वारा लोकायुक्त से शिकायत की गई थी. इसके बाद कोल्हान प्रमंडल के आयुक्त द्वारा 4 सदस्यीय टीम का गठन कर जांच कराई गई थी. जांच में पाया गया कि तत्कालीन सिविल सर्जन फकीर चंद्र हेंब्रम की पूरे मामले में मिलीभगत है.
इधर, समिति की रिपोर्ट के आधार पर स्वास्थ्य विभाग ने 12 अभ्यर्थियों की नियुक्ति को अवैध घोषित कर मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया था. जिसके बाद कार्रवाई करते हुए पूर्व सिविल सर्जन फकीर चंद्र हेंब्रम की गिरफ्तारी की गई है.