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लॉकडाउन उल्लंघन के दर्ज केस वापस ले सरकारः डॉ अजय कुमार - Jamshedpur news

पूर्व सांसद डॉ अजय कुमार ने सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है. पत्र के माध्यम से लॉकडाउन उल्लंघन में दर्ज केस को वापस लेने की मांग की है.

Former MP Dr Ajay
लॉकडाउन उल्लंघन के दर्ज केस वापस ले सरकार
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Published : Oct 10, 2022, 10:53 PM IST

जमशेदपुरः पूर्व सांसद डॉ अजय कुमार ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर लॉकडाउन उल्लंघन में दर्ज केस को वापस लेने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा है कि सरकार दीपावली से पूर्व इस पर गंभीरता से विचार करे, ताकि पीड़ित परिवार को राहत मिल सके.

यह भी पढ़ेंः कोयला उद्योग का निजीकरण कर सकती है केंद्र सरकार, सीएम हेमंत करें इसका विरोध: डॉ अजय कुमार

डॉ अजय कुमार ने पत्र के माध्यम से कहा है कि कोरोना काल के दौरान जाने अनजाने में राज्य के जरूरतमंद लोगों को बाहर निकलना पड़ता था. सरकार के निर्देश पर ड्यूटी पर तैनात पुलिस, प्रशासनिक दंडाधिकारी और अन्य सरकारी कर्मचारियों की भी मजबूरी थी कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर केस दर्ज करे, ताकि गलतियां रोकी जा सके. इस परिस्थिति में राज्य के विभिन्न जिलों में सैकड़ों लोगों पर केस दर्ज किया गया, जो न्यायालय में लंबित हैं.

उन्होंने पत्र में यह भी कहा है कि लंबित केसों की वजह से न्यायालय पर भी बोझ बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन उल्लंघन में जिन लोगों पर केस दर्ज किया गया, वे लोग थाना और न्यायालय का चक्कर काट रहे हैं. देश के कुछ राज्यों में सरकार ने लॉकडाउन उल्लंघन के मामले वापस लिए हैं, जिससे आम आदमी को राहत मिली है. इसी तरह झारखंड में भी लंबित सभी मामलों को वापस लेने की पहल की जा सकती है. उन्होंने कहा की इस विषय पर सरकार गंभीरतापूर्वक विचार कर दीपावली से पहले इस मुद्दे पर निर्णय ले, तो पीड़ित परिवार के लिए एक उपहार स्वरूप होगा.

जमशेदपुरः पूर्व सांसद डॉ अजय कुमार ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर लॉकडाउन उल्लंघन में दर्ज केस को वापस लेने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा है कि सरकार दीपावली से पूर्व इस पर गंभीरता से विचार करे, ताकि पीड़ित परिवार को राहत मिल सके.

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डॉ अजय कुमार ने पत्र के माध्यम से कहा है कि कोरोना काल के दौरान जाने अनजाने में राज्य के जरूरतमंद लोगों को बाहर निकलना पड़ता था. सरकार के निर्देश पर ड्यूटी पर तैनात पुलिस, प्रशासनिक दंडाधिकारी और अन्य सरकारी कर्मचारियों की भी मजबूरी थी कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर केस दर्ज करे, ताकि गलतियां रोकी जा सके. इस परिस्थिति में राज्य के विभिन्न जिलों में सैकड़ों लोगों पर केस दर्ज किया गया, जो न्यायालय में लंबित हैं.

उन्होंने पत्र में यह भी कहा है कि लंबित केसों की वजह से न्यायालय पर भी बोझ बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन उल्लंघन में जिन लोगों पर केस दर्ज किया गया, वे लोग थाना और न्यायालय का चक्कर काट रहे हैं. देश के कुछ राज्यों में सरकार ने लॉकडाउन उल्लंघन के मामले वापस लिए हैं, जिससे आम आदमी को राहत मिली है. इसी तरह झारखंड में भी लंबित सभी मामलों को वापस लेने की पहल की जा सकती है. उन्होंने कहा की इस विषय पर सरकार गंभीरतापूर्वक विचार कर दीपावली से पहले इस मुद्दे पर निर्णय ले, तो पीड़ित परिवार के लिए एक उपहार स्वरूप होगा.

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