जमशेदपुरः पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता डॉ. अजय कुमार (Congress leader Dr. Ajay Kumar) ने राज्य में सभी धार्मिक स्थल को खोलने के लिए राज्य सरकार से अनुमति मांगी है. उन्होंने पत्र के माध्यम से कहा कि प्रदेश में कोविड प्रोटोकॉल (Covid Protocol) के अधीन सभी धार्मिक स्थल खोले जाएं.
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जमशेदपुर के पूर्व सांसद सह झारखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस नेता डॉ. अजय कुमार ने राज्य में कोविड प्रोटोकॉल के अधीन जनता के लिए मंदिर, गिरजाघर, गुरुद्वारा, मस्जिद और अन्य धार्मिक स्थल (Religious Places) खोलने के लिए राज्य सरकार से अनुमति मांगी है. साल 2020 से कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के कारण गाइडलाइंस के तहत राज्य में सभी धार्मिक स्थल में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. ऐसे में प्रदेश के सभी धार्मिक स्थलों में ताले लटक रहे हैं.
उन्होंने कोरोना के संक्रमण की रफ्तार में कमी का हवाला दिया है. इन्हीं आंकड़ों की बिनाह पर राज्य सरकार की ओर से अनलॉक (Unlock) में कई रियारत दी जा रही है. जिसमें धीरे-धीरे कई संस्थान और प्रतिष्ठान खोलने की अनुमति प्रदेश सरकार की ओर से दी गई है. इसका हवाला देते हुए डॉ. अजय कुमार ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) को पत्र लिखकर झारखंड में कोविड प्रोटोकॉल (Covid Protocol in Jharkhand) के अधीन जनता के लिए मंदिर, गिरजाघर, गुरुद्वारा, मस्जिद और अन्य धार्मिक स्थल को पुनः खोलने की अनुमति मांगी है.
डॉ. अजय कुमार ने अपने पत्र में लिखा है कि इन अनलॉक प्रक्रिया के तहत मैं अनुरोध करना चाहूंगा कि जिस तरह से आवश्यक वस्तुओं की दुकानें, होटल, पार्क खोले जाने का आदेश हमारी राज्य सरकार ने जारी किया है, उसी तरह कोविड प्रोटोकॉल के अधीन जनता के लिए मंदिर, गिरजाघर, गुरुद्वारा, मस्जिद और अन्य धार्मिक स्थल खोलने का विचार किया जाना चाहिए. धार्मिक स्थल के बंद होने की वजह से पुजारियों के साथ-साथ मस्जिद, गिरजाघर, गुरुद्वारा में काम करने वाले अन्य कर्मचारियों की रोजी-रोटी पर भी असर पड़ रहा है, जिसके कारण वो भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं.
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हमारी सरकार को अब इन लोगों के परिवारों के बारे में सोचना चाहिए जो धार्मिक स्थलों के बंद होने से गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं. क्योंकि वो अपनी कमाई के लिए धार्मिक स्थानों पर निर्भर हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि कोविड प्रोटोकॉल के अधीन जनता के लिए मंदिर, गिरजाघर, गुरुद्वारा, मस्जिद और अन्य धार्मिक स्थल खोला जाए ताकि इन धार्मिक स्थलों पर आश्रित सभी परिवारों को आय का कोई ना कोई साधन मिल सके.