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फादर स्टेन स्वामी के पार्थिव शरीर की राख को लाया गया जमशेदपुर, दो दिन तक लोग करेंगे दर्शन

भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी फादर स्टेन स्वामी (Father Stan Swamy) का निधन हो गया है. उन्होंने 84 साल की उम्र में मुंबई के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली. उनके पार्थिव शरीर की राख को आम लोगों के दर्शन के लिए जमशेदपुर लाया गया है. जहां लोग दर्शन कर सकेंगे.

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फादर स्टेन स्वामी के पार्थिव शरीर
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Published : Jul 10, 2021, 1:15 PM IST

जमशेदपुर: फादर स्टेन स्वामी (Father Stan Swamy) के पार्थिव शरीर की राख को अंतिम दर्शन को लिए जमशेदपुर लाया गया. स्टेन स्वामी के शरीर की राख को जमशेदपुर के लोयला स्कूल के प्रागंण में स्थित चर्च में रखा गया है. यहां लोग दो दिनों तक दर्शन कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें- आदिवासियों के हक की आवाज उठाने वाले फादर स्टेन की पूरी कहानी

किस मामले में हुई थी गिरफ्तारी

फादर स्टेन स्वामी (Father Stan Swamy) पर 2018 में भीम कोरेगांव में हुए हिंसा में संलिप्त होने का आरोप था. इसको लेकर एनआईए ने अक्टूबर में उन्हें गिरफ्तार किया था. एनआईए की टीम एसपी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में फादर स्टेन स्वामी के बगइचा स्थित आवास पहुंची थी. जिसके बाद उन्हें वहां से गिरफ्तार कर लिया गया. बाद में उन्हें एनआईए की टीम मुंबई लेकर चली गई. मार्च के अंतिम हफ्ते में मुंबई की एक विशेष अदालत ने एल्गार परिषद मामले में गिरफ्तार ट्राइबल राइट एक्टिविस्ट स्टेन स्वामी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. जेल में अचानक तबियत खराब होने पर उन्हें इलाज के लिए मुंबई के भदरा अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहा इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

देखें पूरी खबर

कौन हैं स्टेन स्वामी

फादर स्टेन स्वामी (Father Stan Swamy) का जन्म 26 अप्रैल 1937 को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में हुआ था. उनके मित्रों के अनुसार, उन्होंने थियोलॉजी और मनीला विश्वविद्यालय से 1970 के दशक में समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की थी. झारखंड में आदिवासियों के लिए एक कार्यकर्ता के रूप में करीब 30 साल पहले उन्होंने काम करना शुरू किया. उन्होंने जेलों में बंद आदिवासी युवाओं की रिहाई के लिए काम किया. उन्होंने हाशिये पर रहने वाले उन आदिवासियों के लिए भी काम किया, जिनकी जमीन का बांध, खदान और विकास के नाम पर बिना उनकी सहमति के अधिग्रहण कर लिया गया था.

जमशेदपुर: फादर स्टेन स्वामी (Father Stan Swamy) के पार्थिव शरीर की राख को अंतिम दर्शन को लिए जमशेदपुर लाया गया. स्टेन स्वामी के शरीर की राख को जमशेदपुर के लोयला स्कूल के प्रागंण में स्थित चर्च में रखा गया है. यहां लोग दो दिनों तक दर्शन कर सकते हैं.

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किस मामले में हुई थी गिरफ्तारी

फादर स्टेन स्वामी (Father Stan Swamy) पर 2018 में भीम कोरेगांव में हुए हिंसा में संलिप्त होने का आरोप था. इसको लेकर एनआईए ने अक्टूबर में उन्हें गिरफ्तार किया था. एनआईए की टीम एसपी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में फादर स्टेन स्वामी के बगइचा स्थित आवास पहुंची थी. जिसके बाद उन्हें वहां से गिरफ्तार कर लिया गया. बाद में उन्हें एनआईए की टीम मुंबई लेकर चली गई. मार्च के अंतिम हफ्ते में मुंबई की एक विशेष अदालत ने एल्गार परिषद मामले में गिरफ्तार ट्राइबल राइट एक्टिविस्ट स्टेन स्वामी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. जेल में अचानक तबियत खराब होने पर उन्हें इलाज के लिए मुंबई के भदरा अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहा इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

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कौन हैं स्टेन स्वामी

फादर स्टेन स्वामी (Father Stan Swamy) का जन्म 26 अप्रैल 1937 को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में हुआ था. उनके मित्रों के अनुसार, उन्होंने थियोलॉजी और मनीला विश्वविद्यालय से 1970 के दशक में समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की थी. झारखंड में आदिवासियों के लिए एक कार्यकर्ता के रूप में करीब 30 साल पहले उन्होंने काम करना शुरू किया. उन्होंने जेलों में बंद आदिवासी युवाओं की रिहाई के लिए काम किया. उन्होंने हाशिये पर रहने वाले उन आदिवासियों के लिए भी काम किया, जिनकी जमीन का बांध, खदान और विकास के नाम पर बिना उनकी सहमति के अधिग्रहण कर लिया गया था.

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