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जमशेदपुरः शिक्षकों को खाद्यान्न बांटने के काम से हटाने की मांग, शिक्षा अधिकारी को सौंपा ज्ञापन

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Published : Apr 3, 2020, 11:27 AM IST

कोरोना संक्रमण को लेकर भाजपा ने जमशेदपुर के शिक्षकों को खाद्यान्न बांटने के काम से हटाने की मांग की है. बीजेपी का कहना है कि चावल को पीडीएस के माध्यम से छात्रों के बीच वितरण किया जाए ताकि कोई परेशानी न हो.

Demand to remove teachers distributing food from door to door in jamshedpur
ज्ञापन सौंपा

जमशेदपुर: भारतीय जनता पार्टी ने शिक्षकों को घर-घर जाकर चावल वितरण करने का आदेश वापस लेने की मांग की है. इसको लेकर पार्टी के कदमा मंडल ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में कहा गया है कि सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के उद्देश्य से 21 दिनों का लॉकडाउन किया है. वहीं दूसरी ओर राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों के प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों को विद्यार्थियों के घर-घर जाकर चावल वितरण करने का आदेश दिया है.

ये भी देखें- लॉकडाउन के दौरान कथित तौर पर भूख से मौत, 3 साल से नहीं मिला था राशन

भाजपा नेताओं ने कहा कि इस प्रकार का आदेश देना लॉकडाउन को कमजोर करने और आत्मघाती बनाने की पहल साबित हो रही है. शिक्षक उक्त आदेश का पालन करते हुए जान जोखिम में डालकर चावल का वितरण करने में लगे हैं.

देखें पूरी खबर

जिला शिक्षा पदाधिकारी से यह मांग की जाती है कि तुरंत शिक्षकों को चावल वितरण करने से रोके और इस चावल को पीडीएस के माध्यम से छात्रों के बीच वितरण किया जाए क्योंकि सभी छात्र-छात्राओं का नाम राशन कार्ड में इंगित रहता है, जिससे किसी को कोई परेशानी भी नहीं होगी.

जमशेदपुर: भारतीय जनता पार्टी ने शिक्षकों को घर-घर जाकर चावल वितरण करने का आदेश वापस लेने की मांग की है. इसको लेकर पार्टी के कदमा मंडल ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में कहा गया है कि सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के उद्देश्य से 21 दिनों का लॉकडाउन किया है. वहीं दूसरी ओर राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों के प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों को विद्यार्थियों के घर-घर जाकर चावल वितरण करने का आदेश दिया है.

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भाजपा नेताओं ने कहा कि इस प्रकार का आदेश देना लॉकडाउन को कमजोर करने और आत्मघाती बनाने की पहल साबित हो रही है. शिक्षक उक्त आदेश का पालन करते हुए जान जोखिम में डालकर चावल का वितरण करने में लगे हैं.

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जिला शिक्षा पदाधिकारी से यह मांग की जाती है कि तुरंत शिक्षकों को चावल वितरण करने से रोके और इस चावल को पीडीएस के माध्यम से छात्रों के बीच वितरण किया जाए क्योंकि सभी छात्र-छात्राओं का नाम राशन कार्ड में इंगित रहता है, जिससे किसी को कोई परेशानी भी नहीं होगी.

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