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इस गांव के लोगों को आज भी नहीं मिली 'आजादी', वोट बहिष्कार का लिया फैसला - boycott of elections

रामगढ़ के कई गांवों में अब तक जमींदारी की प्रथा झलक रही है. जिससे लोगों को अपने हक का लाभ मिल पाना भी मुश्किल हो रहा. मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलन से परेशान ग्रामीणों ने अब वोट का मन बना लिया है.

वोट बहिष्कार.
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Published : May 2, 2019, 2:30 PM IST

रामगढ़: गोला थाना क्षेत्र के लगभग एक दर्जन गांवों के ग्रामीण लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का मन बना चुके हैं. ग्रामीण सरकार से इन गांवों की जमीन अपने नाम से बंदोबस्त करने की मांग कर रहे हैं.

देखें पूरी स्टोरी.

जिले के कोरांबे पंचायत में आज भी जमींदारी प्रथा की झलक देखने को मिल जाएगी. यहां के मुंडारी खुटकटी जमींदार के पास 3 हजार 386 एकड़ जमीन है. इस जमीन पर लगभग 7 हजार 500 की आबादी है. ग्रामीण कई सालों से गांवों की जमीन अपने नाम से बंदोबस्त करने और राजस्व रसीद निर्गत करने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि जमीन उनके नाम से नहीं रहने के कारण वो कई सरकारी योजनाओं से वंचित रह जाते हैं. जिसके वह पिछड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार उनकी बात नहीं सुन रही है इसलिए वह वोट बहिष्कार करेंगे.

हालांकि जब इस मामले पर उपायुक्त बी राजेश्ववरी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वोट बहिष्कार करना समस्या का समाधान नहीं है. वह जल्द ही सभी छोटी-बड़ी समस्याओं का समाधान करने की कोशिश करेंगी. उन्होंने कहा कि ग्रामीण अगर इस बार मत का प्रयोग नहीं करेंगे तो फिर 5 साल तक यह मौका दोबारा नहीं मिलेगा. इसलिए सबको चाहिए कि विकास की गति देने के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग जरूर करें.

रामगढ़: गोला थाना क्षेत्र के लगभग एक दर्जन गांवों के ग्रामीण लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का मन बना चुके हैं. ग्रामीण सरकार से इन गांवों की जमीन अपने नाम से बंदोबस्त करने की मांग कर रहे हैं.

देखें पूरी स्टोरी.

जिले के कोरांबे पंचायत में आज भी जमींदारी प्रथा की झलक देखने को मिल जाएगी. यहां के मुंडारी खुटकटी जमींदार के पास 3 हजार 386 एकड़ जमीन है. इस जमीन पर लगभग 7 हजार 500 की आबादी है. ग्रामीण कई सालों से गांवों की जमीन अपने नाम से बंदोबस्त करने और राजस्व रसीद निर्गत करने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि जमीन उनके नाम से नहीं रहने के कारण वो कई सरकारी योजनाओं से वंचित रह जाते हैं. जिसके वह पिछड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार उनकी बात नहीं सुन रही है इसलिए वह वोट बहिष्कार करेंगे.

हालांकि जब इस मामले पर उपायुक्त बी राजेश्ववरी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वोट बहिष्कार करना समस्या का समाधान नहीं है. वह जल्द ही सभी छोटी-बड़ी समस्याओं का समाधान करने की कोशिश करेंगी. उन्होंने कहा कि ग्रामीण अगर इस बार मत का प्रयोग नहीं करेंगे तो फिर 5 साल तक यह मौका दोबारा नहीं मिलेगा. इसलिए सबको चाहिए कि विकास की गति देने के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग जरूर करें.

Intro:ANCHOR ---जमींदारी प्रथा से आज़ादी नही मिलने के कारण अब ग्रामीण कर रहे है लोकसभा चुनाव का बहिष्कार , यहां आज भी चलती है हुकुमनामें की जिंदगी । गोला थाना क्षेत्र के लगभग एक दर्जन गांवों के ग्रामीण आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। ग्रामीण सरकार से इन गांवों की ज़मीन अपने नाम से बंदोबस्त करने की मांग कर रहे हैं।


Body:VO 01 ---रामगढ जिले के कोराम्बे पंचायत में आज भी जमींदारी प्रथा की झलक देखने को मिल जाएगी । कोराम्बे पंचायत के मुंडारी खुटकटी जमींदार के पास 3386 एकड़ जमीन है और इस जमीन पर लगभग 7500 साढ़े सात हज़ार की आबादी है। गोला थाना क्षेत्र के लगभग एक दर्जन गांवों के ग्रामीण आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। ग्रामीण सरकार से इन गांवों की ज़मीन अपने नाम से बंदोबस्त करने व राजस्व रसीद निर्गत करने की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जमीन हमारे नाम से नहीं रहने के कारण हम कई सरकारी योजनाओं से वंचित रह जाते हैं। जिसके चलते हम पिछड़ रहे हैं। इसी कारण हम लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगें।


BYTE 01 --- दिनेश्वर (ग्रामीण)

Byte 02. gramin


कोराम्बे पंचायत के ग्रामीणों के अनुसार वे अपने जमीन की भूराजस्व लगान सरकारी तरीके से देना चाहते है और अपनी जमीन सरकारी रजिस्टर टू में चढ़ा कर ऑनलाइन कराना चाहते है । क्योकि ग्रामीणों के अनुसार उन्हें अपनी जमीन का मालिकाना हक अबतक नही मिल पाया है ।


BYTE 02 ---शांति टोप्पो( ग्रामीण)


VO 02 ---कोराम्बे पंचायत के लोग आज भी अपने जमीन की भूराजस्व की लगान खुटकटी जमींदार को ही देते है और इनसे ही लगान रसीद पाते है। इस पंचायत में रहनेवालो ग्रामीणों की जाति , आवासीय व बैंक ऋण वगैरह के लिये खुटकटी जमींदार पर निर्भर रहना पड़ता है , क्योंकि खुटकटी जमींदार की अनुशंसा पर ही इन ग्रामीणों की काम होना संभव हो पाता है। वहीं गाँव के जमींदार सह मुखिया का कहना है कि सीएनटी एक्ट में इसका प्रावधान है। अगर सरकार इसपर कोई निर्णय लेती है तो बेहतर होगा।


BYTE 03 ---  ठाकुर रवि शंकर (जमींदार सह मुखिया)

Vo 4पूरे मामले में जिले के उपायुक्त ने कहा कि वोट बहिष्कार करना कोई समस्या का समाधान नहीं है जल्द ही सभी छोटी-बड़ी समस्याओं का समाधान कर लिया जाएगा यदि इस बार मत का प्रयोग नहीं करेंगे तो 5 साल तक यह मौका दोबारा नहीं मिलेगा इसलिए सबको चाहिए कि विकास की गति देने के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग जरूर करें वोट जरूर करें वोट बहिष्कार से किसी भी समस्या का समाधान नहीं होगा

बाइट राजेश्वरी बी डी सी रामगढ़
Conclusion: जिले में एक ओर जहां ग्रामीण क्षेत्रो में ग्रामीण वोट बहिष्कार कर रहे है , तो वही दूसरी ओर शहरी क्षेत्रों में जिला प्रशासन की वोट जागरूकता के कार्य पर ही कई सवाल खड़े हो जा रही है ? क्योकि शहरी क्षेत्रों में पैसेंजर ट्रेन के माध्यम से व् वाहनों के काफिले चलवा कर और अन्य तरीके से वोट जागरूकता की काम जिला प्रशासन कर रही है , अगर यही काम जागरूकता की समय रहते इन ग्रामीण क्षेत्रो में की जाती तो शायद कोराम्बे पंचायत में ग्रामीणों की वोट बहिष्कार की नॉबत ही नही आती ।
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