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जमशेदपुरः नाबालिग से दुष्कर्म मामले में अदालत ने आजीवन कारावास की सुनाई सजा - दुष्कर्म मामले में अदालत ने सुनाई सजा

जमशेदपुर में एडीजे-10 अनुज कुमार की अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म मामले में अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. मामले में 7 लोगों की गवाही दर्ज की गई थी.

Court sentenced to life imprisonment in case of rape of a minor
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Published : Feb 18, 2020, 4:21 AM IST

जमशेदपुरः पूर्वी सिंहभूम के परसुडीह स्थित हल्द्वानी में नाबालिग मंदबुद्धि से दुष्कर्म मामले में आरोपी प्रकाश सिंह को एडीजे-10 अनुज कुमार की अदालत ने धारा 376 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

देखें पूरी खबर

कोर्ट ने गत 12 फरवरी को प्रकाश सिंह को दोषी करार दिया था. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक रमेश नारायण तिवारी ने पैरवी की थी. घटना 28 फरवरी 2019 की है. इस मामले में 7 लोगों ने गवाही दी थी वारदात के महज 1 वर्ष के अंदर ही एडीजे-10 अनुज कुमार की कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी को दोषी करार दिया है. वहीं सोमवार को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा के साथ दस हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है. वहीं धारा 366 में 5 वर्ष की सजा और 5 हजार रुपए जुर्माना लगाया है.

ये भी पढ़ें- टेरर फंडिंग मामले में झारखंड हाई कोर्ट में हुई सुनवाई, 5 मार्च को होगी अगली सुनवाई

बिस्कुट खिलाने के बहाने दुष्कर्म

इस मामले में पीड़िता की मां ने परसुडीह थाना में प्रकाश के खिलाफ पोस्को एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी. प्राथमिकी में पीड़िता की मां ने बताया था कि वह प्रतिदिन सुबह 8:00 बजे मजदूरी करने जाती थी और शाम 5:00 बजे वापस लौटी थी. बेटी को 28 फरवरी को प्रकाश बाइक से साथ ले गया और कैनाल के किनारे झाड़ी में उसके साथ दुष्कर्म किया घर लौटने पर भी रो रही थी

जमशेदपुरः पूर्वी सिंहभूम के परसुडीह स्थित हल्द्वानी में नाबालिग मंदबुद्धि से दुष्कर्म मामले में आरोपी प्रकाश सिंह को एडीजे-10 अनुज कुमार की अदालत ने धारा 376 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

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कोर्ट ने गत 12 फरवरी को प्रकाश सिंह को दोषी करार दिया था. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक रमेश नारायण तिवारी ने पैरवी की थी. घटना 28 फरवरी 2019 की है. इस मामले में 7 लोगों ने गवाही दी थी वारदात के महज 1 वर्ष के अंदर ही एडीजे-10 अनुज कुमार की कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी को दोषी करार दिया है. वहीं सोमवार को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा के साथ दस हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है. वहीं धारा 366 में 5 वर्ष की सजा और 5 हजार रुपए जुर्माना लगाया है.

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बिस्कुट खिलाने के बहाने दुष्कर्म

इस मामले में पीड़िता की मां ने परसुडीह थाना में प्रकाश के खिलाफ पोस्को एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी. प्राथमिकी में पीड़िता की मां ने बताया था कि वह प्रतिदिन सुबह 8:00 बजे मजदूरी करने जाती थी और शाम 5:00 बजे वापस लौटी थी. बेटी को 28 फरवरी को प्रकाश बाइक से साथ ले गया और कैनाल के किनारे झाड़ी में उसके साथ दुष्कर्म किया घर लौटने पर भी रो रही थी

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