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कोरोना वायरस ने डाला रंग में भंग! बाजारों से गायब हुई रौनक

रंगो का त्योहार होली में अब दो दिन ही बच गए हैं लेकिन बाजारों में रौनक नहीं देखने को मिल रही है. विभिन्न प्रकार के रंगों और गुलाल से लेकर पिचकारी से बाजार सज चुके हैं लेकिन दुकानों में ग्राहक न के बराबर नजर आ रहे हैं. कोरोना की दूसरी लहर ने इन दुकानदारों को एक बार फिर आर्थिक परेशानी में डाल दिया है.

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Published : Mar 27, 2021, 1:47 PM IST

जमशेदपुर: रंगोत्सव यानी होली का त्योहार 29 मार्च को मनाया जाएगा. लेकिन देश के कुछ राज्यों में कोरोना की दूसरी लहर की आशंका से बाजार की रौनक फीकी पड़ गई है. होली के करीब सप्ताह भर पहले जमशेदपुर के कई बाजार रंग पिचकारी की दुकानों से सजने लगती थी. बाजारों में खरीदारों की भीड़ लगी रहती थी. लेकिन कोविड-19 के दूसरी लहर के कारण बाजार सूना पड़ा है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

ये भी पढ़ें- होली पर कोरोना का असर, 40 प्रतिशत तक बिक्री में आई कमी

दुकानदार हैं चिंतित

दुकानें सजी हैं लेकिन खरीदार कम हैं. पिछले साल त्योहारों में सामानों की बिक्री नहीं हुई थी इसलिए इस बार दुकानदार पहले से ही सजग हैं. दुकानदारों ने बताया कि यदि होली तक यही हाल रहा तो नुकसान उठाना पड़ सकता है. उनका कहना है कि बाजार में ग्राहक नहीं हैं. बाजार फीका है, महंगाई भी चरम पर है. पहले चीन से सामान आने के कारण काफी सस्ते में रंग गुलाल और पिचकारियां मिल जाती थीं. लेकिन अब इंडियन सामान को ही उन लोगों की ओर से बेचा जा रहा है, जो कि चीनी सामानों की अपेक्षा काफी महंगा है. ग्राहक न के बराबर आ रहे हैं. कोई भी ग्राहक आ रहा है तो सिर्फ पूजा के लिए ही रंग और अबीर खरीद रहा है. कई दुकानदारों को तो इसकी आशंका थी, इससे इस बार काफी कम मात्रा में उन्होंने सामान मंगवाए थे.

रंग गुलाल और पिचकारी से सजा बाजार
होली को लेकर बाजार में तरह-तरह के रंग गुलाल के अलावे पिचकारियां आ चुकी हैं. होली में बच्चे रंग गुलाल खेलना पसंद करते हैं. इसे देखते हुए उनकी पसंद के अनुसार ही पिचकारियां दुकानदारों ने मंगाई हैं. डोरेमोन, बेनटेन, वाटर फ्लाई आदि पिचकारियां बच्चों को खूब भा रही हैं. इसकी कीमत 15 से 500 रुपये तक है. बाजार में सबसे अधिक मांग हर्बल रंगों की होती है क्योंकि इससे कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है, इसलिए लोग इसे पसंद करते हैं. लोग केमिकल वाले रंगों से परहेज करते हैं. जिसके कारण भी इसकी डिमांड बढ़ी है. इस बार बाजार में रंगों और पिचकारियों में नया कुछ नहीं आने से ग्राहक थोड़े निराश हैं. लेकिन फिर भी वे लोग जो बाजार में उपलब्ध रंग है उसे खरीद रहे हैं.

पिचकारियों की कीमत

  • समान्य पिचकारी- 10 से 110 रुपये प्रति पीस
  • लांचर पिचकारी- 200 से 290 रुपये प्रति पीस
  • पब्जी पिचकारी- 800 रुपये प्रति पीस
  • वाटर शूट पिचकारी- 130 से 1500 रुपये प्रति पीस
  • टैंक पिचकारी- 150 से 900 रुपये प्रति पीस
  • हर्बल अबीर गुलाल- 15 से 300 रुपये प्रति पैकेट
  • होम कलर- 40 से 100 रुपये प्रति बोतल

जमशेदपुर में होली को लेकर दुकानदारों को आशा है कि आने वाले 2 दिन में उनके सामानों की कुछ बिक्री जरूर होगी. वहीं दूसरी ओर कोविड-19 को देखते हुए राज्य सरकार की ओर से होली के लिए कोई विशेष दिशा निर्देश जारी नहीं किया जाना भी चिंता का विषय है.

जमशेदपुर: रंगोत्सव यानी होली का त्योहार 29 मार्च को मनाया जाएगा. लेकिन देश के कुछ राज्यों में कोरोना की दूसरी लहर की आशंका से बाजार की रौनक फीकी पड़ गई है. होली के करीब सप्ताह भर पहले जमशेदपुर के कई बाजार रंग पिचकारी की दुकानों से सजने लगती थी. बाजारों में खरीदारों की भीड़ लगी रहती थी. लेकिन कोविड-19 के दूसरी लहर के कारण बाजार सूना पड़ा है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

ये भी पढ़ें- होली पर कोरोना का असर, 40 प्रतिशत तक बिक्री में आई कमी

दुकानदार हैं चिंतित

दुकानें सजी हैं लेकिन खरीदार कम हैं. पिछले साल त्योहारों में सामानों की बिक्री नहीं हुई थी इसलिए इस बार दुकानदार पहले से ही सजग हैं. दुकानदारों ने बताया कि यदि होली तक यही हाल रहा तो नुकसान उठाना पड़ सकता है. उनका कहना है कि बाजार में ग्राहक नहीं हैं. बाजार फीका है, महंगाई भी चरम पर है. पहले चीन से सामान आने के कारण काफी सस्ते में रंग गुलाल और पिचकारियां मिल जाती थीं. लेकिन अब इंडियन सामान को ही उन लोगों की ओर से बेचा जा रहा है, जो कि चीनी सामानों की अपेक्षा काफी महंगा है. ग्राहक न के बराबर आ रहे हैं. कोई भी ग्राहक आ रहा है तो सिर्फ पूजा के लिए ही रंग और अबीर खरीद रहा है. कई दुकानदारों को तो इसकी आशंका थी, इससे इस बार काफी कम मात्रा में उन्होंने सामान मंगवाए थे.

रंग गुलाल और पिचकारी से सजा बाजार
होली को लेकर बाजार में तरह-तरह के रंग गुलाल के अलावे पिचकारियां आ चुकी हैं. होली में बच्चे रंग गुलाल खेलना पसंद करते हैं. इसे देखते हुए उनकी पसंद के अनुसार ही पिचकारियां दुकानदारों ने मंगाई हैं. डोरेमोन, बेनटेन, वाटर फ्लाई आदि पिचकारियां बच्चों को खूब भा रही हैं. इसकी कीमत 15 से 500 रुपये तक है. बाजार में सबसे अधिक मांग हर्बल रंगों की होती है क्योंकि इससे कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है, इसलिए लोग इसे पसंद करते हैं. लोग केमिकल वाले रंगों से परहेज करते हैं. जिसके कारण भी इसकी डिमांड बढ़ी है. इस बार बाजार में रंगों और पिचकारियों में नया कुछ नहीं आने से ग्राहक थोड़े निराश हैं. लेकिन फिर भी वे लोग जो बाजार में उपलब्ध रंग है उसे खरीद रहे हैं.

पिचकारियों की कीमत

  • समान्य पिचकारी- 10 से 110 रुपये प्रति पीस
  • लांचर पिचकारी- 200 से 290 रुपये प्रति पीस
  • पब्जी पिचकारी- 800 रुपये प्रति पीस
  • वाटर शूट पिचकारी- 130 से 1500 रुपये प्रति पीस
  • टैंक पिचकारी- 150 से 900 रुपये प्रति पीस
  • हर्बल अबीर गुलाल- 15 से 300 रुपये प्रति पैकेट
  • होम कलर- 40 से 100 रुपये प्रति बोतल

जमशेदपुर में होली को लेकर दुकानदारों को आशा है कि आने वाले 2 दिन में उनके सामानों की कुछ बिक्री जरूर होगी. वहीं दूसरी ओर कोविड-19 को देखते हुए राज्य सरकार की ओर से होली के लिए कोई विशेष दिशा निर्देश जारी नहीं किया जाना भी चिंता का विषय है.

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