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कोरोना का खौफ मुर्गा व्यवसाय की टूटी कमर, होटल से चिकेन गायब - जमशेदपुर में कोरोना कe खौफ

जमशेदपुर में कोरोना के खौफ का असर मुर्गा व्यवसाय पर पड़ा है. होटल से चिकेन गायब हो रहे. पहले मुर्गे की 50 गाड़ियां आती थी, लेकिन अब 5 पर सिमट कर रहा गई है. जबकि होटल और रेस्टोरेंट में नॉन वेज खाने वाले अब वेज खाना पसंद कर रहे है.

Corona impacted on cock business in jamshedpur
मुर्गा व्यवसाय की टूटी कमर
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Published : Mar 18, 2020, 11:30 AM IST

जमशेदपुर: कोरोना वायरस को लेकर विश्व के सभी देश सतर्कता बरत रहे है. इसका असर बाजार पर भी पड़ा है. जमशेदपुर में कोरोना के खौफ का असर मुर्गा व्यवसाय पर पड़ा है. होटल से चिकेन गायब है. व्यवसायी कहते है कि पहले मुर्गे की 50 गाड़ियां आती थी. अब 5 पर सिमट कर रहा गया है. जबकि होटल और रेस्टोरेंट में नॉन वेज खाने वाले अब वेज खाना पसंद कर रहे है.

देखें पूरी खबर
कोरोना के नाम की चर्चा होते ही नॉन वेज खाने वाले वेज खाना शुरू कर दिया है. होटलों रेस्टोरेंट में ग्राहकों ने चिकेन की मांग घटने पर इसका असर होटल रेस्टोरेंट और मुर्गा बेचने वालों पर देखा जा रहा है. बता दें कि ओड़िसा बंगाल से प्रतिदिन 50 से 55 गाड़ियों में मुर्गा आता है, एक गाड़ी में 20 से 22 क्विंटल मुर्गा होता है. जबकि स्थानीय स्तर पर पटमदा घाटशिला हाता से मुर्गी पालन करने वाले इसका व्यवसाय करते है.
Corona impacted on cock business
मुर्गा व्यवसाय की टूटी कमर

ये भी पढे़ं- पूर्व सीएम मधु कोड़ा से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले पर हुई सुनवाई, तत्कालीन जिला अवर निबंधक ने दी गवाही

Corona impacted on cock business
मुर्गा व्यवसाय की टूटी कमर

मुर्गा बेचने वाले अब हाथ पर हाथ धरे बैठे है
मुर्गा व्यवसायी संतोष ने बताया है कि जमशेदपुर में बाहर से अब सिर्फ पांच गाड़ियां ही आ रही है. पहले प्रति दिन 5 से 7 क्विंटल मुर्गा बेचते थे. अब मुश्किल से पांच किलो की बिक्री हो रही है, जिससे भाव भी गिर गया है. जबकि स्वास्थ्य विभाग ने मुर्गा के संदर्भ में कोई बयान जारी नहीं किया है. ऐसे में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.

जमशेदपुर: कोरोना वायरस को लेकर विश्व के सभी देश सतर्कता बरत रहे है. इसका असर बाजार पर भी पड़ा है. जमशेदपुर में कोरोना के खौफ का असर मुर्गा व्यवसाय पर पड़ा है. होटल से चिकेन गायब है. व्यवसायी कहते है कि पहले मुर्गे की 50 गाड़ियां आती थी. अब 5 पर सिमट कर रहा गया है. जबकि होटल और रेस्टोरेंट में नॉन वेज खाने वाले अब वेज खाना पसंद कर रहे है.

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कोरोना के नाम की चर्चा होते ही नॉन वेज खाने वाले वेज खाना शुरू कर दिया है. होटलों रेस्टोरेंट में ग्राहकों ने चिकेन की मांग घटने पर इसका असर होटल रेस्टोरेंट और मुर्गा बेचने वालों पर देखा जा रहा है. बता दें कि ओड़िसा बंगाल से प्रतिदिन 50 से 55 गाड़ियों में मुर्गा आता है, एक गाड़ी में 20 से 22 क्विंटल मुर्गा होता है. जबकि स्थानीय स्तर पर पटमदा घाटशिला हाता से मुर्गी पालन करने वाले इसका व्यवसाय करते है.
Corona impacted on cock business
मुर्गा व्यवसाय की टूटी कमर

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मुर्गा व्यवसाय की टूटी कमर

मुर्गा बेचने वाले अब हाथ पर हाथ धरे बैठे है
मुर्गा व्यवसायी संतोष ने बताया है कि जमशेदपुर में बाहर से अब सिर्फ पांच गाड़ियां ही आ रही है. पहले प्रति दिन 5 से 7 क्विंटल मुर्गा बेचते थे. अब मुश्किल से पांच किलो की बिक्री हो रही है, जिससे भाव भी गिर गया है. जबकि स्वास्थ्य विभाग ने मुर्गा के संदर्भ में कोई बयान जारी नहीं किया है. ऐसे में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.

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