जमशेदपुर: आपात स्थिति में आम जनता की जान कैसे बचाई जाए और लोगों को मदद कैसे पहुंचाई जाए इसके लिए जिले में पुलिस जवानों को प्रशिक्षण दिया गया. कार्डियो-पल्मोनरी रिससिटेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में डॉक्टरों की टीम ने जवानों को कई महत्वपूर्ण टिप्स दिए.
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25 जवानों को प्रशिक्षण
जमशेदपुर के बिष्टुपुर थाना परिसर स्थित सभागार में पुलिस पदाधिकारियों और जवानों को कार्डियो-पल्मोनरी रिससिटेशन सीपीआर ट्रेनिंग प्रोग्राम में प्रशिक्षण दिया गया. जिसमें कुल 25 पुलिस पदाधिकारी और जवान शामिल हुए. इस कार्यक्रम में पुलिस वालों को बाई स्टैंडर पुनर्जीवन की ट्रेनिंग दी गई, जिसके तहत उन्हें बताया गया कि आपात स्थिति में किसी व्यक्ति को कैसे तत्काल सहायता प्रदान किया जा सकता है. ट्रेनिंग के दौरान ये बताया गया कि वर्तमान समय में बढ़ते काम की वजह से लोगों में मानसिक तनाव और हर्ट अटैक के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. किसी सुनसान जगह पर हादसे होने पर पुलिस ही सबसे पहले मदद के लिए पहुंचती है. इसी वजह से पुलिस जवानों को ये प्रशिक्षण दिया गया.
टीएमएच और एमजीएम के डॉक्टर रहे मौजूद
पुलिस जवानों के इस प्रशिक्षण में टीएमएच, एमजीएम और ब्रह्मानंद अस्पताल के पांच डॉक्टर उपस्थित रहे. इस दौरान जवानों को यह बताया गया की अगर कोई भी व्यक्ति अचेत अवस्था में पड़ा है या फिर वह किसी दुर्घटना का शिकार हो गया है तो एक फर्स्ट रिस्पोंडर के नाते पुलिस को क्या करना चाहिए. पीड़ित को किस तरह प्राथमिक उपचार देना चाहिए ताकि उसकी जान को बचाया जा सके. कार्यक्रम में मौजूद एसएसपी डॉ एम तमिल वानन ने बताया कि प्रशिक्षित पुलिसकर्मी हादसे में किसी घटना के होने के बाद एंबुलेंस के आने के पहले ही सीपीआर के जरिए उसकी मदद करना शुरू कर देंगे इसके बाद मरीज को अस्पताल में भर्ती कराएंगे. ऐसी परिस्थति में लोगों की जान बचाई जा सकती है.