जमशेदपुर/जामताड़ाः पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के साथ ही राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में राजनीतिक हिंसा का दौर शुरू हो गया है. नतीजे वाले दिन ही आरामबाग में भाजपा के दफ्तर में आग लगा दी गई थी. टीएमसी कार्यकर्ताओं की ओर से लगातार भाजपा कार्यकर्ताओं की हो रही हत्या, घरों-दुकानों की लूट और मारपीट की घटना पर भाजपा कार्यकर्ता आक्रोशित हैं.
भाजपा ने इसे लेकर बुधवार को देशव्यापी धरना प्रदर्शन करने का फैसला किया है. इस क्रम में मंगलवार को भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव ने जिला पदाधिकारियों और मोर्चा अध्यक्षों के साथ वर्चुअल बैठक की.
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लोकतंत्र का काला अध्याय लिख रही टीएमसी
बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बंगाल में हो रही घटना अति निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है. बंगाल की राजनीतिक हिंसा स्वस्थ लोकतंत्र की परिचायक नहीं है. ऐसी हिंसा और घृणित कृत्यों का लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है. उन्होंने बताया कि बंगाल में टीएमसी के गुंडों के किए जा रहे तांडव पर जमशेदपुर महानगर के कार्यकर्ता एकदिवसीय धरना प्रदर्शन कर बंगाल के कार्यकर्ताओं को समर्थन देंगे.
जमशेदपुर में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर कार्यकर्ता अपने घरों से पूर्वाह्न 11 बजे से 1 बजे तक धरना-प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे. गुंजन यादव ने कहा कि कोरोना महामारी के संकटकाल में जहां मानव समाज एक-दूसरे की जान बचाने और सहयोग के लिए कार्यरत हैं. वहीं, तृणमूल कांग्रेस लोकतंत्र का काला अध्याय लिखने की ओर अग्रसर है, ऐसी घटना पर भाजपा कार्यकर्ता आक्रोशित हैं.
जामताड़ा बीजेपी ने भी की घोर निंदा
इधर, जामताड़ा में भी टीएमसी कार्यकर्ताओं और उनकी गुंडागर्दी की भारतीय जनता पार्टी की जिला कमेटी ने घोर निंदा की है. झारखंड प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश पर जामताड़ा जिले के बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने विरोध करते हुए बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है.
राष्ट्रपति शासन से ही जान-माल की सुरक्षा संभव
बीजेपी के जिला अध्यक्ष सोमनाथ सिंह ने इस मामले को लेकर एक बयान जारी कर कहा कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी की ओर से जिस तरह से भाजपा कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है, इससे बचाने का एकमात्र उपाय राष्ट्रपति शासन है. राष्ट्रपति शासन लगने के बाद ही बंगाल में स्थिति सामान्य हो सकती है. दरअसल, 2 मई को पश्चिम बंगाल में चुनावी नतीजे आने के बाद टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने हिंसक रूप अपनाया है.