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किसानों के हित में है कृषि कानून, विपक्ष फैला रहा भ्रम: विद्युत वरण महतो

कृषि कानून को लेकर जमशेदपुर में बीजेपी के सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि ये किसानों के हित में है. पक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है. इस कारण मोदी सरकार के हर अच्छे कदम को गलत करार दे रहे हैं, उन्होंने कहा कि कृषि कानून को लेकर विपक्ष भ्रम फैला रहा है.

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विद्युत वरण महतो
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Published : Oct 7, 2020, 7:09 PM IST

जमशेदपुर: बीजेपी के सांसद विद्युत वरण महतो ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने कृषि कानून को किसानों के हित में बताया और कहा कि इसके पास हो जाने से किसानों का सर्वांगीण विकास होगा.

विद्युत वरण महतो


सांसद विद्युत वरण महतो ने आगे बताया कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है. इस कारण मोदी सरकार के हर अच्छे कदम को गलत करार दे रहे हैं, उन्होंने कहा कि कृषि कानून को लेकर विपक्ष भ्रम फैला रहा है. उनका कहना है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अनाज की खरीद बंद हो जाएगी, जबकि एमएसपी पर पहले की तरह खरीद जारी थी जारी है और जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि मंडियां समाप्त नहीं होगी, वहां पहले की तरह व्यापार होता रहेगा. किसानों को मंडी के साथ ही अन्य स्थानों पर अपनी उपज बेचने का विकल्प प्राप्त होगा. यही नहीं किसान को अनुबंध में पूर्ण स्वतंत्रता रहेगी कि वह अपनी इच्छा के अनुरूप दाम तय कर उपज बेच सकेगा.

ये भी पढ़ें- JMM ने बोला बीजेपी पर हमला, लगाए भ्रष्टाचार के कई आरोप

सांसद ने बताया कि देश में 10, 000 कृषक उत्पादक समूह (एफजीओ) निर्मित किए जा रहे हैं. कॉन्ट्रैक्ट सिर्फ उत्पाद पर लागू होगा जमीन पर नहीं, यही नहीं कोर्ट कचहरी जाए बिना स्थानीय स्तर पर ही विवाद के निपटाने की व्यवस्था होगी. सासंद ने बताया कि 21वीं सदी में भारत का किसान बंधनों में नहीं खुलकर खेती करेंगे.

जमशेदपुर: बीजेपी के सांसद विद्युत वरण महतो ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने कृषि कानून को किसानों के हित में बताया और कहा कि इसके पास हो जाने से किसानों का सर्वांगीण विकास होगा.

विद्युत वरण महतो


सांसद विद्युत वरण महतो ने आगे बताया कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है. इस कारण मोदी सरकार के हर अच्छे कदम को गलत करार दे रहे हैं, उन्होंने कहा कि कृषि कानून को लेकर विपक्ष भ्रम फैला रहा है. उनका कहना है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अनाज की खरीद बंद हो जाएगी, जबकि एमएसपी पर पहले की तरह खरीद जारी थी जारी है और जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि मंडियां समाप्त नहीं होगी, वहां पहले की तरह व्यापार होता रहेगा. किसानों को मंडी के साथ ही अन्य स्थानों पर अपनी उपज बेचने का विकल्प प्राप्त होगा. यही नहीं किसान को अनुबंध में पूर्ण स्वतंत्रता रहेगी कि वह अपनी इच्छा के अनुरूप दाम तय कर उपज बेच सकेगा.

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सांसद ने बताया कि देश में 10, 000 कृषक उत्पादक समूह (एफजीओ) निर्मित किए जा रहे हैं. कॉन्ट्रैक्ट सिर्फ उत्पाद पर लागू होगा जमीन पर नहीं, यही नहीं कोर्ट कचहरी जाए बिना स्थानीय स्तर पर ही विवाद के निपटाने की व्यवस्था होगी. सासंद ने बताया कि 21वीं सदी में भारत का किसान बंधनों में नहीं खुलकर खेती करेंगे.

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