जमशेदपुर: शहर के पोटका विधानसभा क्षेत्र की एक अलग ही पहचान है. कृषि प्रधान पोटका विधानसभा मे यूरेनियम का सबसे बड़ा भंडार है. यह सोने के खदान के साथ-साथ कॉपर माइंस के लिए भी प्रसिद्ध है. इसके बावजूद यहां के लोग खेती पर ही निर्भर हैं. पोटका विधानसभा आदिवासी बहुल क्षेत्र है. यह झारखंड और ओडिशा के बॉडर पर पड़ता है. यहां की जनसंख्या 2 लाख 85 हजार है.
कैसे बनी मेनका सरदार विधायक
2014 के विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा के संजीव सरदार को हराकर इस सीट पर मेनका ने कब्जा किया था. हालांकि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने वर्तमान विधायक अमूल्य सरदार का टिकट काटकर युवा नेता संजीव सरदार को टिकट दिया था. टिकट कटने के कारण पार्टी में अंदरूनी नाराजगी का लाभ मेनका सरदार को मिला और भाजपा इस सीट पर जीतने में कामयाब रही. वहीं, 2009 के विधानसभा चुनाव में जेएमएम के टिकट पर चुनाव लड़े अमूल्यो सरदार ने भाजपा के तत्कालीन विधायक सह प्रत्याशी मेनका सरदार को हराकर इस सीट पर कब्जा जमाया था.
विधायक का काम
विधायक मेनका सरदार के अनुसार उनके कार्यकाल में बहुत ही विकास हुए हैं. शिक्षा, सड़क या बिजली सारी सुविधाओं को उन्होंने अपने क्षेत्र में उपलब्ध कराया है. उनका कहना है कि कुछ योजनाएं जो धरातल पर नहीं उतरी हैं वह भी जल्द ही धरातल पर उतर जाएगी.
विपक्ष की राय
पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी दुखमई सरदार का कहना है कि पोटका विधानसभा क्षेत्र में विकास के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि शिक्षा हो या रोजगार दोनों के लिए आज भी यहां के लोग जमशेदपुर जाते हैं. उन्होंने कहा कि स्थानीय ग्रामीणों की काफी दिनों से मांग है कि पोटका में 1 डिग्री कॉलेज खुले लेकिन स्थानीय विधायक ने इस मामले में कभी पहल नहीं की. वहीं, दुखमई सरदार का कहना है कि इस विधानसभा क्षेत्र में सड़क का तो और भी बुरा हाल है. ग्रामीण क्षेत्रों का सड़क पूरी तरह खराब हो चुका है.
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जनता की राय
पोटका विधानसभा क्षेत्र की जनता विकास कामों से संतुष्ट है लेकिन कुछ एक कामों को छोड़कर उनमें नाराजगी भी है, खासकर शिक्षा के क्षेत्र में विधायक मेनका सरदार का ध्यान नहीं दिए जाने से लोगों में नाराजगी है. जनता ने विधायक को 10 में से 5.70 नंबर दिया है. इस प्रकार देखा जाए तो विधायक का कार्यकाल जनता की नजर में मिला जुला रहा है. लोगों ने बताया कि विधायक के कार्यकाल में शिक्षा के क्षेत्र में काम नहीं हुआ है. अब देखना है कि आगामी विधानसभा चुनाव में जनता उन्हें चौथी बार विधायक बनाती है या नहीं.